मथाना गांव की गौशाला में तड़प-तड़प कर मरीं 2 दर्जन गायें, अब खुली प्रशासन की नींद

7/8/2017 4:06:02 PM

धर्मनगरी (आयुष गुप्ता):धर्मनगरी के मथाना गांव की गौशाला में 2 दर्जन गायें मरने पर प्रशासन की कुम्भकर्णी नींद टूटती दिखाई दे रही है। गोशाला में गौवंश मरने के मामले में प्रशासन ने संज्ञान ले किया है। लाडवा के विधायक पवन सैनी सहित कई प्रशासनिक अधिकारी गोशाला में आए और मौके का निरीक्षण किया। फिर रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे कुछ जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस मामले में गांव वासियो और जिला प्रशासन की मदद से गौवंश को बाहर निकाला जा रहा है और कार सेवा द्वारा भी चलाई जा रहा है। विधयक सैनी ने कहा कि गोशाला में वे गऊ मरी है जो काफी कमजोर थी, जिन्हें बाहर से इस गोशाला में लाया गया था। वहीं, गांव के लोगों ने भी बताया कि प्रशासन की मदद से कार्य चल रहा है। कई गौवंश को पास की गोशाला में भेजा गया। गोशाला में ट्रैक्टरों और जेसीबी मशीन द्वारा रास्ता बनाया जा रहा है। 

गोशाला में जिस प्रकार से गौवंश की मृत्यु हुई है उसका कोई भी दोषी हो, लेकिन उससे व्यवस्था की पोल खुल गई है, लेकिन ग्रामीण और विधायक इसके लिए बरसात को ही दोषी मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि बरसात के कारण गोशाला की मिट्टी में दलदल बन गई, जिसके कारण कई गौवंश उसमे फंस गई। गोशाला का निरक्षण किया गया तो अभी भी काफी गौवंश दलदल में फसकर इधर-उधर घूम रहे हैं, जिससे खुद-ब-खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि बरसात के दौरान वहां कैसे हालात रहे होंगे। वही प्रशासन द्वारा थानेसर नगर परिषद के कर्मचारियों को भी मथना गोशाला में भेजा गया है। नगर परिषद के कर्मचारी इस गोशाला में सफाई अभियान चला है। 

‘सरकारी अनुदान राशि के भरोसे नहीं चलती गौशाला’
गौभक्तों ने कहा कि गौशाला को चलाने के लिए प्रति माह लाखों रुपए का खर्च होता है जोकि सरकारी अनुदान राशि के भरोसे बिल्कुल भी नहीं किया जा सकता। 
कुरुक्षेत्र व आसपास के क्षेत्र में जितनी भी गौशालाएं हैं, सभी सामाजिक व धार्मिक संस्थाएं स्थानीय लोगों से दान एकत्रित करके चला रही हैं और इस गौशाला को भी दानी सज्जनों के सहयोग से ही चलाया जा सकता है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि अगर प्रशासन इस गौशाला को बेहतर तरीके से चलाना चाहता है तो इसका जिम्मा किसी संस्था को देना चाहिए जोकि नि:स्वार्थ भाव से गौवंश की सेवा कर सके।

तेजी से किया जा रहा काम:तेजपाल
ग्राम पंचायत मथाना की सरपंच के पति तेजपाल ने बताया कि बरसात ज्यादा होने के कारण गौशाला की स्थिति एकदम बिगड़ गई जिसका किसी को अंदाजा नहीं था। गौसेवा आयोग के चेयरमैन भानी राम मंगला मौके पर आए थे और उन्होंने जिला प्रशासन को तेजी से गौवंश को दूसरे स्थान पर छोडऩे व निर्माण कार्य जल्दी पूरा करवाने के आदेश दिए थे। इसके बाद उपमंडल अधिकारी ने मौके का दौरा किया और तेजी से कार्य शुरू करने की योजना बनाई थी। जिला प्रशासन की मेहनत से अब गौशाला में अंदर जाने के लिए रास्ते को पक्का बनाया जा रहा है ताकि चारों तरफ से दलदल को कम किया जा सके। जो कमजोर व बीमार गौवंश है, उन्हें अखंड हनुमान गौशाला में शिफ्ट किया जा रहा है। कुछ गौवंश को पिपली की एमरजैंसी गौशाला में भेजा जा रहा है ताकि उनका वहां सही इलाज किया जा सके। हमारा प्रयास है कि जनता के सहयोग से इस गौशाला का निर्माण जल्दी पूरा करवाया जाए।