साइबर क्राइम पुलिस की कार्रवाई, फर्जी कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़

7/1/2021 9:03:30 AM

गुडग़ांव (ब्यूरो) : साइबर क्राइम पुलिस लगातार शहर में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ तो जरूर कर रही है, लेकिन इन पर स्थायी तौर पर लगाम नहीं कसी जा रही है। जून माह में साइबर क्राइम पुलिस करीब छह से सात फर्जी कॉल सेंटर बंद करवा चुकी है, ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में फर्जी कॉल सेंटर स्थापित कर लोग कैसे विदेशी लोगों को ठग रहे हैं। बुधवार को भी साइबर क्राइम पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर सोहना रोड स्थित सेक्टर-48 ईरीस टेक पार्क की दूसरी तल पर चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। 

साइबर क्राइम पुलिस ने टीम ने डीएलएलफ के सहायक पुलिस आयुक्त की देखरेख में एक टीम का गठन कर मौके पर रेड की गई। जहां पर पाया कि करीब आठ लड़के व दो लड़कियां कंप्यूटर सिस्टम पर कानों में ईयर फोन लगाकर रिंग सेंट्रल एप्प के माध्यम से अंग्रेजी भाषा में लोगों से बातचीत कर रहे रहे थे। कॉल सेंटर में मौके पर मालिक मनमोहन सिंह पुत्र धन सिंह निवासी गांव काठगोदाम, हल्द्वानी, जिला नैनीताल उत्तराखंड व मैनेजर निशांत पडि़हारी पुत्र जुगल किशोर निवासी गांव कुली, थाना टाटा नगर, जिला टाटा नगर, झारखंड अपने स्टाफ सहित मौके पर मिले। जिससे कॉल सेंटर चलाने के लिए कंपनी कागजात मांगे तो वह कोई भी रिकार्ड पेश नहीं कर पाए।

पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि वह और सुनील कुमार निवासी हांसी हिसार दोनों मिलकर एक कंपनी वर्ष 2018 में बनाकर यह काल सेंटर चला रहे हैं जिसमें उनकी 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। जिसको संभालने के लिए निशांत पडि़हारी मैनेजर के तौर पर करीब दो साल से रखा हुआ है। इस काल सेंटर के माध्यम से वह पहले डोमिस्टिक इंडियर मनी प्रोजेक्ट पर काम करते थे उसके बाद वेबसाइट डेवलपमेंट आदि से कस्टमर सपोर्ट के नाम पर यूएसए के नागरिकों से धोखाधड़ी से पैसे ऐंठने का काम करते हैं। इस काम के लिए उन्होंने 09 लड़के व 03 लड़कियों को इस धोखाधड़ी के काम के बारे में बिना बताये नौकरी पर रखा हुआ है। जिनकी सहायता से विदेशी लोगोंं से 100-250 डॉलर तक या ज्यादा का भुगतान करवाते हैं। पुलिस ने कॉल सेंटर में मौजूद सामान जब्त कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।

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Content Writer

Manisha rana