4-जी नैटवर्क के आगे जेलों के जैमर फेल, आरोपियों को बेनकाब करने में जुटे डी.जी. जेल

11/24/2017 5:34:13 PM

चंडीगढ़(पांडेय):हरियाणा की जेलों में मोबाइल फोन स्विच ऑफ करने के लिए लगाए गए जैमर अब 4जी नैटवर्क के आगे फेल साबित हो गए हैं। यही कारण है कि पिछले कई दिनों से हरियाणा की संवेदनशील जेलों में बंदियों व कैदियों के पास से मोबाइल फोन मिलने का सिलसिला जारी है। पिछले एक सप्ताह में अकेले गुरुग्राम की भौंडसी जेल से करीब 8 दर्जन से ज्यादा मोबाइल फोन बरामद किए जा चुके हैं। यही स्थिति अम्बाला, सोनीपत, यमुनानगर व झज्जर सहित अन्य जेलों की हैं, जहां सर्च अभियान के दौरान बंदियों के पास से मोबाइल फोन मिलता रहता है।

फिलहाल अब मोबाइल फोन पर अंकुश लगाने के लिए विभाग ने नई योजना तैयार की है जिसमें 3जी नैटवर्क वाले जैमर की जगह अत्याधुनिक जैमर लगाए जाएंगे। वहीं जेल प्रशासन की ओर से कैदियों के लिए वैरीफाई नंबरों पर हर रोज 5 मिनट बात करने की सुविधा दी जाती है और उसके बदले पैसे लिए जाते हैं लेकिन अपराधी किस्म के कैदी व बंदी जेल कर्मियों की मिलीभगत से मोबाइल के खेल को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। वहीं हरियाणा जेल के डी.जी. डा. के.पी. सिंह ने कहा कि जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को बंद करने के लिए खास अभियान शुरू किया गया है। अगले कुछ दिनों तक यह अभियान जारी रहेगा और संलिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जेल अफसरों की मिलीभगत से चल रहा खेल  
हरियाणा की भौंडसी जेल मोबाइल बरामदगी में नंबर एक हो गई है। सूत्रों की मानें तो भौंडसी जेल में यह खेल स्थानीय जेल अफसरों की मिलीभगत से चल रहा है और इसकी जानकारी जेल विभाग के उच्चाधिकारियों तक पहुंची हुई है लेकिन उसके बाद भी अभी तक इस पर कोई अंकुश नहीं लग सका है।

जेल अफसरों को भी किया जा रहा चिन्हित 
जेलों में मोबाइल फोन के खेल को खत्म करने के लिए जेल महानिदेशक डा. के.पी. सिंह की ओर से खास छापामार मुहिम शुरू की गई है जिसमें अगले कुछ दिनों तक सूचना के आधार पर अचानक से सभी जेलों में सर्च आप्रेशन चलाया जाएगा। सूत्रों की मानें तो इस मुहिम के जरिए जेल अफसरों को भी चिन्हित किया जा रहा है ताकि भविष्य में उन पर कार्रवाई की जा सके।