दलितों ने करवाया धर्म परिवर्तन, भाजपा के मंत्रियों ने दिए बेतुके बयान(Video)

6/4/2018 2:44:35 PM

अंबाला(अमन कपूर): हरियाणा के जींद में 120 दलितों द्वारा मांगें पूरी न होने के कारण धर्म परिवर्तन करने के मामले में हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने बेतुका बयान दिया है। सरकार के मंत्री दलितों की मांगें मानने की बजाय उनको नसीहत दे रहे हैं। विज ने धर्म परिवर्तन करने वाले दलितों को नसीहत दी कि लोगों ने धर्म के लिए सिर कटवा दिए लेकिन धर्म नहीं बदला। उन्होंने कहा कि ऐसे में किसी भी मांग के पूरा न होने पर धर्म परिवर्तन करना न तो उचित है और न ही ये अपनी बात मनवाने का कोई तरीका सही है। 

उल्लेखनीय है कि धर्म परिवर्तन करने वाले दलित पिछले करीबन 113 दिन से जींद में धरने पर बैठे थे लेकिन सरकार उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही थी। कई बार दलित समाज का शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से मिला लेकिन हर बार आश्वासन ही दिया गया। दलितों का आरोप था कि उनकी कोई नई मांगें नहीं है बल्कि पुरानी हैं, जिनके बारे में सरकार खुद घोषणा कर चुकी है लेकिन इसके बाद भी सरकार अपने वायदे से मुकर रही है। 

उनकी प्रमुख मांगों में झांसा गैंगरेप की सीबीआई जांच, ईश्वर हत्याकांड के परिजनों को नौकरी, जम्मू में शहीद हुए दलित के परिवार को नौकरी, एससीएसटी एक्ट में अध्यादेश लाना प्रमुख था। 

सरकार ने जब मांगें नहीं मानी तो इन दलितों ने दिल्ली के लद्दाख बौद्घ भवन जाकर बौद्ध धर्म को अपना लिया। दलितों द्वारा इतना बड़ा कदम उठाने पर जब हरियाणा के केबिनेट मंत्री अनिल विज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि दलितों द्वारा अपनी बात कहने का ये कोई वाजिब तरीका नहीं है। सरकार आंदोलनकारियों की बात सुनती है और वाजिब बातों को मानती भी है। कई बार बात मानने में विलंब भी हो जाता है  लेकिन सिर्फ इसी बात पर अपना धर्म बदल लेना ठीक बात नहीं। बस इतना ही नहीं विज ने धर्म बदलने वालों को नसीहत भी दी कि लोगों को अपने धर्म का पक्का होना चाहिए।   

जींद(विजेदर कुमार): एक तरफ तो दलित सरकार से खिन्न होकर बौद्ध बनने पर मजबूर हो गए हैं वही दूसरी और इस मामले में केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह का ब्यान आया है। बीरेंद्र सिंह ने दलितों की मांगों की अोर ध्यान न देकर इसे धर्म बदलने की आजादी बताया। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में सबको अपना धर्म बदलने की आजादी है। 

उधर इस मामले में दलितों का बयान भी सामने आया है उन्होंने कहा कि हमें अब दलितों के लाभ नहीं चाहिए बौद्ध धर्म में जो मिलेगा वहीं स्वीकार्य होगा।

Nisha Bhardwaj