पैदल मौत का सफर तय कर पढ़ने को मजबूर बेटियां

7/30/2017 12:45:49 PM

फतेहाबाद: हिजरावां कलां की लगभग 300 बेटियां अपनी पढ़ाई के लिए गांव से लगभग 2 किलोमीटर हिजरावां खुर्द में पैदल जाती हैं। यह वह मौत का रास्ता है जिस पर भटिंडा रिफाइनरी से भरे गैस के बड़े ट्राले आवागमन करते हैं। आधुनिकता के इस युग में बेटियों का सड़कों पर 4 किलोमीटर आना-जाना सरकार के दावों की किस तरह से पोल खोलता है, यह साबित होता है। ताज्जुब की बात यह है कि यह मामला प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के संज्ञान में भी लाया गया लेकिन महीने बीत गए इस पर कोई अमल नहीं हुआ। हाल ही में जारी की गई स्कूल अपग्रेशन की सूची में उन स्कूलों के नाम आए हैं, जिनके पास सत्ता का साथ है। यदि जरूरत के हिसाब से स्कूल अपग्रेशन की सूची बनती तो इन सैंकड़ों बच्चियों का ख्याल जरूर रखा जाता। गांव हिजरावां कलां में मिडल तक का स्कूल है, वहीं हिजरावां खुर्द में सीनियर सैकेंडरी तक विद्यालय है। 

2 महीने में टूट जाती है साइकिल
गांव हिजरावां कलां के लगभग 300 विद्यार्थियों के पास हिजरावां खुर्द में बने स्कूल में जाने का ही विकल्प बचता है क्योंकि फतेहाबाद की दूरी लगभग 8 किलोमीटर की है। हिजरावां कलां के लोगों का कहना है कि उन्होंने यह मामला सरकार के नुमाइंदों के समक्ष कई बार रखा कि उनके स्कूल को अपग्रेड करवा दिया जाए लेकिन उनकी आज तक सुनवाई तक नहीं हुई। हमें तो साइकिल के लिए अढ़ाई हजार मिलते हैं, जिससे नहीं आती साइकिल : छात्राएं सड़कों का सफर तय करके पैदल जाने वाली छात्राओं से पैदल स्कूल जाने का कारण जाना गया तो उन्होंने बताया कि प्रत्येक छात्रा को साइकिल के लिए स्कूल से केवल अढ़ाई हजार रुपए मिलते हैं लेकिन साइकिल लगभग 4500 रुपए की आती है, जिस कारण इन पैसों से वे साइकिल नहीं पाती या फिर हल्की साइकिल मिलती है जो महीने, 2 महीने में टूट जाती है इसलिए उन्हें पैदल आना पड़ता है। छात्राओं का कहना है कि सड़कों पर आने-जाने वाले बड़े-बड़े ट्रालों से भी डर बना रहता है।

पंचायत ने 23 मार्च को शिक्षा मंत्री को दिया था प्रस्ताव
गांव हिजरावां कलां के सरपंच धर्मपाल अरोड़ा से जब इस बारे में बातचीत की तो उन्होंने बताया कि पंचायत ने 23 मार्च को गांव हिजरावां कलां में शिक्षा मंत्री का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम के दौरान हिजरावां कलां की पंचायत ने शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा को गांव के स्कूल को अपग्रेड करवाने के लिए प्रस्ताव दिया था लेकिन लगभग 5 महीने होने को हैं, अभी तक स्कूल का नाम अपग्रेशन सूची में नहीं आया।