जज्बे को सलाम! पिता करते हैं कबाड़ बेचने का काम, बेटी को मिला 55 लाख रुपयों की माइक्रोसाफ कंपनी का पैकेज....

punjabkesari.in Thursday, Jul 03, 2025 - 08:08 AM (IST)

हिसार(विनोद सैनी): हिसार के गांव बालसमंद के कबाड़ बेचने वाले की लडकी सिमरन को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में हैदराबाद में इंजीनियर लगी है उसे कंपनी से सालाना पच्चन लाख पैकेज में मिला है पिता कबाड़ बेचने का काम करते है सिमरन मात्र 21 साल की है। इतनी कम आयु में उसने इतना बडा मुकाम हासिल की है। ओवरसीज हैड स्पेशल मिलने के लिए अमेरिका से हिसार आई। फाइनल सिलेक्शन में सिमरन को टाप लिस्ट में उसका नाम दर्ज हुआ और तीस जून को सिमरन  की नौकरी मिल चुकी है।

बेटियां हमारा गर्व, देंगे सम्मान - विधायक चंद्रप्रकाश
बेटी की सफलता पर कांग्रेस विधायक चंद्रप्रकाश ने बताया कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। बेटियों को परिजन अवसर दे तो बेटियां हर क्षेत्र में अपना दम दिखा रही है। बालसमंद की बेटी सिमरन पर पूरे प्रदेश को गर्व है। 4 जुलाई को बालसमंद में बेटी को सम्मानित किया जाएगा और अन्य बेटियां भी सिमरन से प्रेरणा ले और आगे बढ़े हम बेटियों के साथ खड़े है।

सिमरन ने सत्रह साल की आयु में अपने पहले प्रयास में जेईई की परीक्षा थी इसके बाद आईआईटी मंडी से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर की परीक्षा पास की थी और मंडी में उसका एडमिशन हो गया। सिमरन ने इमरमेशन सोफट में करना था इशलिए अलग विषय लेकर लगातार पढ़ाई की। पढाई के दौरान सिरमन माइक्रोसाफट में हैदराबाद इंटर्नशिप की और दो महीने बाद इंटर्नशिप में उसने अवार्ड जीता था। सिमरन को अवार्ड माइक्रोसाफट की ओवरसीज हेड से दिया गया गया। ओवरसीज हैड स्पेशल मिलने के लिए अमेरिका से हिसार आई। फाइनल सिलेक्शन में सिमरन को टाप लिस्ट में उसका नाम दर्ज हुआ और तीस जून को सिरमन की नौकरी मिल चुकी है।

पिता राजेश कुमार के अनुसार दो कमरो का घर है तीन सौ से पांच रुपये कमाई हो जाती है इसी कमाई से घर चलता है।  गली गली में जाकर कबाड एकत्रित करते और बदले में उन्हें नए बर्तन देते है जो तीन  सौ से पांच रुपये कमाई होती है उसके घर का गुजारा करते है।
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सिमरन के परिजनों का कहना है कि सिमरन घर मे सबसे बडी बेटी है उसकी ममता और मुस्कान  दो बहने है और छोटा भाई हर्षित है। पिता राजेश ने बताया कि मैं स्ट्रीट वेंडर हूं बेटी की उपलब्धि के लिए भगवान से उसके अच्छे भविष्य की कामना करता हूं। राजेश ने बताया कि उसकी दोनो बेटिया भी पढाई कर रही है दो कमरो का घर है घर की खिलाड़ियों में भी शीशे तक नही लगे हुए है और पूरे परिवार के लोग यहां रहते है।

सिमरन की मां कविता ने कहा कि उसकी बेटी ने बाहरवी तक पढाई की उसने कभी भी अपने बेटी से काम नहीं करवाया उसे कभी ट्यूशन जाने की जरूरत नही  पडी इसके बाद सिमरन को हिसार पढाई के लिए भेजा गया है। उसने जेईई की परीक्षा वर्ष (2021) में पास कर ली थी बाद में उसका एडमिशन हो गया था।

हैदराबाद में 300 बच्चों में अव्वल रही 
सिमरन का अपनी कठिन मेहनत के दम पर माइक्रोसॉफ्ट हैदराबाद में इंटर्नशिप के लिए चयनित हुआ। दो माह की इंटर्नशिप में 300 बच्चों में बेस्ट इंटर्नशिप स्टूडेंट का अवार्ड मिला। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की अमेरिका से ओवरसीज हेड ने पहली बार भारत आकर सिमरन को अवॉर्ड से सम्मानित किया। 

 


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Content Writer

Isha

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