घर वालों को बिना बताए दिया था इंटरव्यू, अाज इस मुकाम पर पहुंची हरियाणा की बेटी

12/5/2018 11:19:34 AM

सिरसा(ब्यूरो): सिरसा की बेटी गरिमा ढिल्लों ने दिल्ली में हुए ग्लोबल मिस्टर एंड मिस इंडिया एशिया-2018 में मिस हरियाणा का टाइटल जीता है। जिन्होंने डांट के डर से घर वालों को बिना बताए ही पेजेंट में जाने का अॉडिशन दिया, जिसमें सिलेक्ट होने के बाद अाज वे मिस हरियाणा का टाइटल जीत चुकी हैं। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय अपने माता- पिता को दिया है। उनका कहना है कि मेरी मां मेरी आइडल हैं, उन्होंने ही सिखाया कि किसी से कैसे बात करनी है, कैसे पेश आना है। अाज उनकी वजह से मैं अाज इस मुकाम पर पहुंची हूं। 

मानूषी छिल्लर से हुई इंस्पायर 
गरिमा ढिल्लों का कहना है कि ग्लैमर फील्ड में मानुषी छिल्लर को अपना आइडल मानती हूं। जब उन्होंने मिस वर्ल्ड का खिताब जीता तो उनसे इंस्पायर हुई। तभी से मेरे सपनों को भी उड़ान मिली। तब से लेकर अाज तक मैं उन्हें फोलो कर रही हूं। इस दौरान गरिमा ढिल्लों ने कई अनुभव सांझा किए। 

इस तरह घर वालों को बताई सच्चाई
वह बोलीं- मैं सिरसा से हूं, लेकिन तीन साल से सेक्टर-36 के एमसीएम कॉलेज में पढ़ती हूं, और यहीं रह रही हूं। जब पहली बार पेजेंट में जाने का मौका मिला तो घर वालों को बिना बताए ऑडिशन दे आई। क्योंकि परिवार में दूर-दूर तक किसी का भी मॉडलिंग और पेजेंट से नाता नहीं था।

डर था कि कहीं वह मना न कर दें। बाद में फिनाले में सिलेक्ट हो गई तो दोबारा ऑडिशन के लिए बुलाया। तब मुझे लगा कि अब घरवालों से यह बात नहीं छुपानी चाहिए। जब घर बताया तो पापा ने मुझे फोन किया और जाने की परमिशन दी, पर इतना जरूर कहा कि पहले जैसी न बताने की गलती दोबारा नहीं करना।

जिंदगी सब सिखा देती है :
गरिमा बोलीं- अब मिस इंडिया और फिर मिस वर्ल्ड में जाने का प्लान है। जिस तरह पापा मेरा सपना पूरा करने में मेरा साथ दे रहे हैं। ऐसे में मैं भी अपने पापा का सपना पूरा करूंगी। वह चाहते हैं कि मैं आईएएस ऑफिसर बनूं। इसलिए पढ़ाई पर भी पूरा फोकस है। रही बात समय की तो सब कुछ जिंदगी सिखा ही देती है। 

पेजेंट का अनुभव बताते हुए गरिमा बोलीं- देशभर से लड़कियां हिस्सा लेने आईं। कुछ मेरी दोस्त भी बनी। पर, फिनाले के नजदीक आते ही वह मेरी ड्रेस तो कभी लुक देखकर उल्टा सीधा बोलतेे, ताकि मैं ड्रेस और लुक चेंज कर दूं। इतनी समझ मुझे भी है कि एक्सप्रेशन देख कर बता सकती हूं कि कौन बुरा चाहता है और कौन अच्छा।

Deepak Paul