स्टाफ की लापरवाही से नवजात शिशु की मौत, परिजन ने अस्पताल में लगाया धरना

9/26/2019 10:27:36 AM

होडल (ब्यूरो): कस्वा हसनपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रात के समय स्टाफ का कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं मिलने के कारण गांव रामगढ निवासी जिले सिंह के नवजात शिशु की मौत हो गई। बच्चे की मौत के मामले को लेकर मृतक शिशु के परिजन और ग्रामीण बुधवार को अस्पताल के बाहर धरना देकर बैठ गए। मामला बढ़ता देख विभागीय कर्मचारियों ने मामले से उच्च अधिकारियों व पुलिस को सूचित कर दिया। जिसके बाद वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी विपिन कुमार, हसनपुर नायब तहसीलदार इब्राहिम, ग्राम सरपंच हुकमसिंंह, हसनपुर थाना प्रभारी महेंद्र सिंह, होडल थाना प्रभारी मोहम्मद इलियास पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए।

मृतक के परिजन घंटों तक अस्पताल के बाद हंगामा करते रहे और लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। बाद में अधिकारियों के समझाने के बाद मामला शांत हो सका। अस्पताल प्रबंधन ने मृतक शिशु को परिजनों को सौंप दिया। घटना के बाद मृतक के पिता ने लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

मृतक शिशु के पिता जिले सिंह ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दी शिकायत में बताया कि 24 सितम्बर की रात उसकी पत्नी संजू को प्रसूति पीड़ा का दर्द बना था। जिस पर वह परिजनों के साथ संजू को हसनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा लेकिन वहां पर डयूटी पर कोई भी कर्मचारी तैनात नहीं मिला। जिसके बाद वह अपनी पत्नी को लेकर एम्बुलेंस वाले के पास गया लेकिन उसने भी कोई सुनवाई नहीं की। शिकायत में बताया कि बाद में वह हसनपुर थाने पहुंचा, जिसके बाद पुलिस की गाड़ी उसके साथ अस्पताल पहुंची और आवाज लगाई और गाड़ी का सायरन भी बजाया लेकिन इसके बावजूद भी अस्पताल से कोई भी कर्मचारी बाहर निकलकर नहीं आया।

इसी दौरान पुलिस कर्मचारी भी उसे संजू को होडल अस्पताल ले जाने की सलाह देकर वहां से चले गए। इसी बीच महिला संजू को प्रसव पीड़ा अत्याधिक बढ गई। शिकायत में बताया कि अस्पताल से कोई जवाब नहीं मिलने पर वह अपनी पत्नी को लेकर वापस घर लौट गया, जहां उसकी पत्नी ने बच्चे को जन्म दे दिया। बाद में वह अपनी पत्नी और शिशु को लेकर होडल अस्पताल के लिए चल पड़ा, जहां रास्ते मेेें ही नवजात शिशु की मौत हो गई। अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण हुई शिशु की मौत को लेकर सैंकड़ों महिला- पुरुष अस्पताल पहुंच गए और धरना देकर बैठ गए। विभागीय अधिकारियों के समझाने के बाद ही मामला शांत हो सका। 

Isha