गर्भ में बच्चे की मौत,परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लगाया लापरवाही का आरोप

1/24/2017 2:35:19 PM

जाखल(हरिचंद):हमेशा ही अपनी घटिया कार्यप्रणाली के चलते अखबारों की सुर्खियों में रहने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इंसानियत नाम की चीज खत्म हो चुकी है। पत्थर दिल बने स्टाफ को बेबस कोई नहीं दिखता और लोगों को रोजाना की तरह परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन विवादों से जुड़ा रहा जाखल का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला गांव म्योंद खुर्द की एक महिला के गर्भ में बच्चे की मौत से जुड़ा है। मामले में महिला के परिजनों व गांववासियों का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ सदस्यों की लापरवाही से गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई है व उसकी मां अभी भी एक निजी अस्पताल में मौत व जिंदगी से भी लड़ रही है। मामले की शिकायत जिला उपायुक्त को भेजी। चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो उन्हें मजबूरन बड़ा कदम उठाना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।  

 

म्योंद खुर्द निवासी गुलाब सिंह पुत्र बलविंद्र सिंह सहित पंच राजकौर, जसवंत कौर, भजन सिंह पूर्व पंच, मां गुरविंद्र कौर, सरपंच गुरजीवन सिंह, हरदीप सिंह, अवतार सिंह, सोहन सिंह, परविंद्र सिंह, पंच सुखजीत सिंह आदि करीब 2 दर्जन से भी अधिक ग्रामीण एकत्रित होकर सुबह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। ग्रामीणों ने रोष जताते हुए बताया कि गत 18 जनवरी को वह बेटी अमनदीप कौर को उसकी पहली डिलिवरी के लिए दोपहर को अस्पताल में लाए थे लेकिन यहां पर नियुक्त महिला स्टाफ ने उन्हें डिलिवरी में अभी समय लगने की बात कहते हुए वापस भेज दिया व रात को आने की बात कही। जबकि उस समय अमनदीप कौर को प्रसव पीड़ा भी हो रही थी। शिकायत में आरोप है कि जब उन्होंने रात को प्रसूति के लिए जाखल से एम्बुलैंस  मंगवाई तो एम्बुलैंस ड्राइवर को भी यहां के स्टाफ ने गाड़ी को जाखल लाने की बजाय कुलां ले जाने के लिए कह दिया। कुलां में उप स्वास्थ्य केंद्र की नर्स ने उन्हें गर्भ में बच्चे के मरने की जानकारी देते हुए उसे रैफर कर दिया। जिसके बाद वह अमनदीप कौर को टोहाना के एक निजी अस्पताल में ले गए जहां उसने एक मृत लड़की को जन्म दिया। परिजनों ने मामले में अस्पताल की डा. निर्मला, और नर्सें सतबीर कौर, गगन, प्रवीन कुमारी को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर इंसाफ की गुहार लगाई है।

 

पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
शिकायत देने पहुंचे ग्रामीणों ने यह भी रोष जताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी करीब 3 से 4 बार घटनाएं घट चुकी हैं। जिसमें लापरवाही के चलते गर्भ में ही बच्चे की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों ने इसको लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग की व चेतावनी भी दी कि अगर उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो उन्हें मजबूरन बड़ा कदम उठाना पड़ेगा। 
 

 

सरकार बेटियों को बचाने के लिए योजनाएं बना रही है 
वहीं ग्रामीणों ने यह भी कहा कि गर्भ में लड़की की मौत हुई है व वह लड़की को ही जन्म दिलाना चाहते थे। उनकी हार्दिक इच्छा थी कि घर में लड़की का जन्म हो। उन्होंने कहा कि सरकार बेटियों को बचाने के लिए योजनाएं बना रही है और यहां का स्टाफ लड़कियों को गर्भ में ही मारने का काम कर रहा है।

 

जांच करवाकर दोषी को नहीं बख्शेंगे
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा. सुशील कुमार ने कहा कि मामले बारे सिविल सर्जन को अवगत कराकर इसकी विशेष जांच करवाएंगे। जांच के दौरान कोई भी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।