हरियाणा नहीं, दिल्ली में होगा फैसला: मलिक

2/27/2017 9:36:44 PM

जींद/रोहतक:अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि जाट अब कहेंगे भी और करेंगे भी। अब फैसला हरियाणा में नहीं दिल्ली में ही होगा। 2 मार्च को जाट दिल्ली का घेराव करेंगे और इसके लिए जाटों को दिल्ली जाते जहां भी पुलिस ने रोका, वहीं बीच सड़क जाट धरना देकर बैठ जाएंगे। इससे रोड जाम हुए तो जिम्मेदारी सरकार की होगी। आंदोलन की कमान भी 2 मार्च के बाद युवाओं को सौंप दी जाएगी। 

रविवार को जींद के ईक्कस गांव में जाटों के काला दिवस मनाने को लेकर उमड़ी हजारों लोगों की भारी भीड़ के बीच पहुंचे यशपाल मलिक ने कहा कि जाट अब जो कहेंगे, उसे करके दिखाएंगे। मंच से सारी बात नहीं कही जा सकती लेकिन यह तय है कि अब जाट आंदोलन आक्रामक होगा। आंदोलन के आक्रामक तेवरों का खुलासा करते हुए मलिक ने कहा कि 2 मार्च के बाद आंदोलन की कमान युवाओं को संभालनी है। हरियाणा में धरनों पर माताएं और बहनें बैठेंगी। आंदोलन की कमान युवा संभालेंगे और मलिक तथा दूसरे लोग दिल्ली में सरकार को घेरने का काम करेंगे। यशपाल मलिक ने कहा कि युवाओं के हाथ जिस आंदोलन की कमान होती है, वहां शांति की कोई गारंटी नहीं। अब तक संघर्ष समिति के आंदोलन की कमान बुजुर्गों के हाथ में है और यही कारण है कि आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। युवाओं के हाथ में आंदोलन की कमान आने के बाद यह बेहद आक्रामक होगा और इससे सरकार की मुश्किलें बढ़ेंगी। 

यशपाल मलिक दोपहर बाद काली पगड़ी पहने हुए जसिया धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि काला दिवस सरकार के अत्याचार, अन्याय व साजिशों के खिलाफ था। मलिक ने 1 मार्च से शुरू होने वाले असहयोग आंदोलन के तहत लोगों से बिजली व पानी के बिल न भरने और बैंकों का कर्ज न लौटाने को कहा, साथ ही कहा कि असहयोग आंदोलन के तहत जाट समुदाय खरीदारी कम करे और जाट आरक्षण का समर्थन न करने वाले दुकानदार का बहिष्कार करें। सिर्फ उसी दुकान से खरीदारी करें जो दुकानदार आरक्षण का समर्थन करता हो। देर रात को जाट जागृति सेना संयोजक राहुल दादू पी.जी.आई. से धरनास्थल पर पहुंचे थे। सुबह उनकी हालत फिर से बिगड़ी तो पी.जी.आई. में एडमिट करवाया।