लॉकडाउन के दिनों में सर्वोदय अस्पताल में दीपांशु को मिला नया जन्म, 6 घंटे तक चली सर्जरी
6/2/2020 10:59:50 AM
फरीदाबाद (सूरजमल): कोरोना से पूरी दुनिया थमी हुई है पर हमारी पहले से मौजूद बीमारियां और इमरजेंसी नहीं रुकी हैं। वायरस के डर से सभी लोग घरों में तो बंद हैं, परन्तु मरीजों की पुरानी बिमारियों का सही प्रबंधन ना होने की वजह से बीमारियां अधिक विकराल रूप लेकर मरीजों को नुकसान पहुंचा रही हैं। कई वाक्ये संज्ञान में वो भी आए जिनमें मरीज को तत्काल मेडिकल सहायता की जरुरत थी परन्तु कोरोना संक्रमण के डर से मरीज अस्पताल में ही नहीं गए और इसके भयावह परिणाम देखने को मिले।
सर्वोदय अस्पताल फरीदाबाद में इलाज कराने वाले 19 वर्षीय दीपांशु इस मामले में सौभाग्यशाली रहे, जिनके परिजनों की सूझबूझ से उन्हें तुरंत मेडिकल सहायता मिली, मरीज को सीवियर एओटिक वाल्व स्टेनोसिस (ह्रदय वाल्व में सिकुडन) और जन्मजात सुपरा वाल्वुलर एओटिक डिफॉर्मटी के सफल ऑपरेशन के बाद नया जीवनदान मिला। मरीज जब इमरजेंसी विभाग में आया तब उसको हार्ट फेलियर, घबराहट और सांस लेने में परेशानी हो रही थी।
इमरजेंसी में आते ही उसको अलग जगह पर स्थिर (स्टेबलाइज) किया गया और आई.सी.यू. में आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया गया। इसी बीच मरीज की कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट भी नेगेटिव आ गई। सर्वोदय हॉस्पिटल के वरिष्ठ कार्डिओथोरासिक सर्जन डॉ. सुमित नारंग ने बताया कि मरीज की उम्र, सीवियर एओटिक वाल्व स्टेनोसिस ( ह्रदय वाल्व में सिकुडन ), और जन्मजात सुपरा वाल्वुलर एओटिक डिफॉर्मटी, ये तीनों मिलकर मरीज के ऑपरेशन को अधिक चुनौतीपूर्ण बना रहा थे।
मरीज की 6 घंटे तक चली सर्जरी के दौरान उसके एओटिक वाल्व को बदला गया और एओरटोप्लास्टी भी की गई। ऑपरेशन के 5 दिन के बाद मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। यह बीमारी 1 लाख में से किसी एक व्यक्ति में होती है और इस प्रकार की 3 चुनौतियां इसे और भी अधिक दुर्लभ बनाती हैं।
सर्वोदय अस्पताल के चेयरमैन डॉ. राकेश गुप्ता ने डॉ. सुमित नारंग को सफल ऑपरेशन की बधाई देते हुए बताया कि हम चाहते है कि हम समाज को बेहतरीन इलाज रियायती दरों पर उपलब्ध करवा सकें इसलिए हम आधुनिक मेडिकल तकनीक के साथ अनुभवी डॉक्टरों को अपने अस्पताल का हिस्सा बना रहे हैं। इस प्रकार के ऑपरेशन का सफल होना हमें हमारे दृष्टिकोण का सार्थक होना दर्शाता है।