राज्यसभा के लिए दीपेंद्र ने ठुकराया प्रदेश अध्यक्ष पद!

3/14/2020 11:13:24 AM

फरीदाबाद (महावीर) : राज्यसभा सीट के लिए कुमारी शैलजा के पक्ष में कांग्रेस हाईकमान अंत तक भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मनाने में जुटा रहा क्योंकि दो दर्जन विधायकों का समर्थन भूपेंद्र हुड्डा के साथ था। मध्य प्रदेश के घटनाक्रम के बाद कांग्रेस हाईकमान कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था। इसलिए कांग्रेस हाईकमान विधायकों की इच्छा के विपरीत जाकर कोई निर्णय नहीं लेना चाहता था। 

सूत्रों की मानें तो राज्यसभा में जाने के लिए दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश अध्यक्ष पद को भी ठुकरा दिया। कांग्रेस हाईकमान द्वारा दीपेंद्र हुड्डा के पिता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस हाईकमान ने कहा था कि यदि दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा सीट की दावेदारी छोड़ दें तो उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बनाया जाएगा। सूत्रों की मानें तो दीपेंद्र हुड्डा ने इससे इंकार कर दिया और राज्यसभा जाने पर ही अड़े रहे और अंतत: हुड्डा के हठ के आगे कांग्रेस को झुकना पड़ा और दीपेंद्र को ही उम्मीदवार बनाना पड़ा। 

कांग्रेस की ओर से राज्यसभा प्रत्याशी को लेकर पिछले कई दिनों से घमासान चल रहा था। कांग्रेस हाईकमान कुमारी शैलजा को राज्यसभा सीट देना चाह रही थी और भूपेंद्र हुड्डा अपने पुत्र दीपेंद्र को राज्यसभा भेजना चाह रहे थे। इस मामले में दो दिन पूर्व हुड्डा ने दो दर्जन विधायक जुटाकर हाईकमान को यह संदेश भी दिया कि विधायकों का समर्थन उनके साथ है। इसके बावजूद कांग्रेस हाईकमान बीच का रास्ता निकालने में जुटा रहा। 

सूत्रों के अनुसार भूपेंद्र सिंह हुड्डा व सोनिया गांधी की मुलाकात तथा गुलाम नबी आजाद की मध्यस्थता के दौरान कुमारी शैलजा को राज्यसभा भेजने के लिए एक और फार्मूला बनाया गया। इस फार्मूले के तहत कांग्रेस हाईकमान चाहता था कि शैलजा राज्यसभा चली जाएं और प्रदेशाध्यक्ष दीपेंद्र हुड्डा को बना दिया जाए लेकिन यह फार्मूला भी पिता-पुत्र को रास नहीं आया और वे राज्यसभा सीट की मांग भी करते रहे। कांग्रेस हाईकमान द्वारा समझाने पर भी जब मामला निपटता दिखाई नहीं दिया तो अंतत: दीपेंद्र को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। 

Isha