डिग्री व पीएच.डी. वालों को रजिस्टर्ड कर रहा डिप्लोमा होल्डर: गोयल

9/1/2018 11:17:04 AM

चंडीगढ़(पांडेय): हरियाणा राज्य फार्मेसी काऊंसिल के निलंबित प्रधान कृष्ण चंद गोयल ने कहा कि सरकार ने फार्मेसी काऊंसिल के रजिस्ट्रार पद पर ऐसे व्यक्ति को पिछले लगभग साढ़े 3 साल लगा रखा है, जोकि  गैर मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12 वीं और डिप्लोमा कर्नाटका से प्राप्त है। उन्होंने कहा कि बतौर चेयरमैन रहते हुए अरुण पराशर को रजिस्ट्रार लगाने पर विरोध किया था। रजिस्ट्रार की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता फार्मेसी में डिग्री है, जो कि अरुण पराशर के पास नहीं है। 

फार्मेसी काऊंसिल फार्मेसी में डिप्लोमा से लेकर पी.एच.डी. करने वालों को रजिस्टर्ड करती है। ऐसे में एक ऐसे व्यक्ति को काऊंसिल का रजिस्ट्रार 21 नवम्बर 2015 को नियुक्त कर दिया गया, जोकि किसी भी योग्यता को पूरा नहीं करता था। गोयल ने कहा कि मैंने अरुण पराशर की नियुक्ति का विरोध करते हुए 23 नवम्बर 2015 को ही पत्र लिख दिया था। सरकार सहित काऊंसिल के सभी सदस्यों को पत्र भेजकर अरुण पराशर की नियुक्ति रद्द करने और फार्मेसी एक्ट के सेक्शन 26 के तहत जरुरी अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया था। 

लेकिन सरकार और विभाग के मंत्री की ओर से मुझ पर दबाव बनाया गया। चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंंने कहा कि मैंने अरुण पराशर की नियुक्ति से पहले 29 अक्तूबर 2015 को पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट में सी.डब्ल्यू.पी. 23687/15 दाखिल की थी, जिसमें धारा 26 के जरुरी अनुमति दिलवाने का अनुरोध किया था। जिस पर हाइकोर्ट ने 8 नवम्बर 2016 को आदेश सुनाते हुए सरकार को 6 महीने के अंदर सैक्शन 26 के तहत जरुरी आदेश जारी करने को कहा। हाइकोर्ट के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित झा ने 22 अक्तूबर 2017 को मुझे अपने कार्यालय में बुलाया, जिन्हें मैंने लिखित में विस्तृत जानकारी देते हुए रजिस्ट्रार के पद के लिए जरुरी अनुमति प्रदान का अनुरोध किया। लेकिन उसके बाद भी सरकार की ओर से कुछ नहीं किया गया।
 

Deepak Paul