उद्योगनगरी में लॉकडाउन! कोरोना की रोकथाम प्रभावी बनाने के लिए दिल्ली सीमा फिर हो सकती है सील

7/14/2020 9:46:21 AM

फरीदाबाद(महावीर गोयल): लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़ों को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि फरीदाबाद में पुन: लॉकडाउन लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं हरियाणा व दिल्ली की सीमाएं भी पुन: सील की जा सकती हैं। फरीदाबाद जिले में जिस कदर कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं, उससे गृह मंत्री अनिल विज काफी चिंतित हैं। हाल ही में उन्होंने पंजाब केसरी टीवी से बातचीत के दौरान यह स्पष्ट किया था कि प्रदेश के लोगों की रक्षा के लिए वे कोई भी कदम उठाने से नहीं चूकेंगे। सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश में पुन: लॉकडाउन के बाद अब हरियाणा में भी लॉकडाउन को लेकर बड़े स्तर पर चर्चा गंभीर हो गई है।

फरीदाबाद में बढ़ रहे कोरोना के मामलों की सं या पर अंकुश लगाने के लिए क्या रास्ता अपनाया जाए, इसे लेकर गृह मंत्रालय काफी गंभीर है क्योंकि जिले में अब तक कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 5417 तक पहुंच गया है जबकि 103 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में संभव है कि आगामी सप्ताह में शुरुआत फरीदाबाद की सीमाएं सील करने से हो जाए। गृह मंत्रालय मान रहा है कि दिल्ली से बढ़ते आवागमन के कारण फरीदाबाद की स्थिति गंभीर हुई है। उधर, गुरुग्राम जिले की स्थिति भी अच्छी नहीं है।

माना जा रहा है कि फरीदाबाद और गुरुग्राम से प्रतिदिन लाखों लोग दिल्ली में आवागमन करते हैं। जिसके कारण संक्रमण बढ़ रहा है। सूत्रों की मानें तो प्रदेश के गृह मंत्री इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं कि किस प्रकार संक्रमण के आंकड़े को नीचे लाया जाए। अनलॉक 2 के बावजूद फरीदाबाद जिला पूरी तरह से खुला नहीं है। यहां जिम, धार्मिक स्थल, सिनेमा हॉल अभी भी लॉकडाउन के नियमों के तहत जहां बंद हैं वहीं रेस्टोरेंट्स व होटल नियमों के तहत खुले हुए हैं।

शादी व पार्टियों के लिए भी निर्धारित सं या 50 की अनुपालना हो रही है। इसके बावजूद कोरोना के बढ़ते आंकड़े कहीं न कहीं दिल्ली के कोरोना कनेक्शन की ओर इशारा कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान भी जब-जब दिल्ली बॉर्डर में छूट दी गई तब-तब फरीदाबाद व गुुरुग्राम में आंकड़े बढ़ते देखे गए। हालांकि दिल्ली बॉर्डर सील करने के बाद फरीदाबाद व गुरुग्राम के उद्योग व व्यापार पर पुन: संकट गहरा जाएगा लेकिन इसके बावजूद गृह मंत्रालय लोगों को कोरोना से बचाने के लिए इस पर विचार कर रहा है।

आंकड़ों से कहीं अधिक हैं कोरोना के मरीज
कोरोना संक्रमित मरीजों के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वास्तविकता उससे बिल्कुल अलग है। जो आंकड़े स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण के दिखाए जा रहे हैं, वे वास्तविक कोरोना संक्रमित लोगों की सं या से बहुत कम हैं क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के पास सभी लोगों के टैस्ट करने की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। कोरोना सैंपल लेने की प्रक्रिया इतनी धीमी है कि पूरे जिले के लोगों की टैस्टिंग एक साल में भी हो पाना संभव नहीं है।

ऐसे में जिन लोगों की टैस्टिंग हो रही है, उन्हीं के आंकड़े सामने आ रहे हैं। लोग जानबूझकर भी टेस्ट नहीं करवा रहे क्योंकि उन्हें भय है कि यदि वे कोरोना संक्रमित पाए गए तो उन्हें सामाजिक परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए जिनको कोरोना के लक्षण नजर आते हैं, वे ही लोग टैस्टिंग करवा रहे हैं। ऐसे में सही आंकड़ा सामने नहीं आ पा रहा है। यदि सख्ती नहीं हुई तो आने वाले बरसातों के दिनों में कोरोना संक्रमित लोगों की सं या विकराल रूप धारण कर सकती है।

Isha