एक ही दिन में 2 महिलाओं की बाथरूम में डिलीवरी

5/2/2018 8:10:48 AM

गुडग़ांव(संजय): 2 महीने में आधा दर्जन गर्भवती महिलाएं सरकारी अस्पताल के टॉयलेट से लेकर, परिसर, पार्किंग, गेट, व सड़क सहित अन्य जगहों पर बच्चों को जन्म दे चुकी हैं।  एक के बाद एक हो रहे इन हादसों से न केवल जिला प्रशासन बल्कि स्वास्थ्य विभाग भी हैरान हैं। बताया गया है कि मंगलवार को टॉयलेट में हुई दोनों डिलीवरी में से एक बच्चेे की जान बचा ली गई है, जबकि दूसरे को मौत के मुंह में जाना पड़ा। सिविल अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक दोनों ही मामले में जांच के आदेश दे दिए गए है।

मंगलवार को मोहम्मदपुर की फूलो देबी पत्नी हरि प्रसाद के साथ लेबर पेन होने के कारण सिविल अस्पताल के गाइनी वार्ड पहुंची। जहां जांच के बाद उसका वार्ड में इलाज किया जा रहा था। लेकिन इसी बीच उसे शौच के लिए वार्ड के टॉयलेट में चली गई, जहां बैठने के दौरान उसका प्रसव हो गया। आनन-फानन में जब उसका इलाज शुरू किया गया इसी बीच नवजात शिशु की मौत हो गई।

वहीं, दूसरी ओर ऐसा ही एक मामला सुबह भी आया था, जिसमें गर्भवती पूजा पत्नी अनिल कुमार निवासी सैक्टर-86 लेबर पेन होने का कारण सिविल अस्पताल पहुंची थी। चिकित्सकों ने उसे वार्ड में भर्ती कर लिया था। बताया जाता है कि उसे भी शौच आने का एहसास हुआ और बिना डाक्टरों की इजाजत लिए ही वह वार्ड के टॉयलेट चली गई। जहां पर बैठने के कारण पड़े दबाव से उसका भी टॉयलेट में ही प्रसव हो गया।

बताया जाता है कि इसकी सूचना मिलने के बाद वार्ड में हड़कंप मच गया आनन फानन में उसे वार्ड में दािखल कर उपचार शुरू किया गया। चिकित्सकों के मुताबिक बच्चे की हालत स्थित है और उसका इलाज किया जा रहा हैं। हालांकि अस्पताल प्रबंधन की ओर से गर्भवती पूजा का नाम गुंजन बताया गया हैं।

अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को वार्ड में कुल 8 महिलाओं की डिलीवरी की गई थी, जिसमें 2 महिलाओं के बच्चे मृत पैदा हुए थे। बता दें कि अभी 2 माह के अंदर 6 ऐसे मामले आ चुके हैं जिसमें अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही के चलते अस्पताल परिसर से लेकर इमरजैंसी के गेट पार्किंग वह सड़क पर महिलाओं का प्रसव हो चुके हैं। मरीज फूलो बाई के पति हरि ने बताया कि पूर्व में कराई गई जांच के दौरान चिकित्सकों द्वारा बताया गया था कि बच्चे जिंदा नहीं बचेगा। फिर हम उम्मीद लेकर अस्पताल आए थे टॉयलेट के दौरान हुए प्रसव मे बच्चे की जान नही बचाई जा सकी। 
 

Rakhi Yadav