बेटी के हत्यारे को फांसी की सजा दिलवाने की मांग, गांव में न दीप जले, न पटाखे बजे और न बंटी मिठाई

10/26/2022 11:20:02 AM

कलायत: गांव में न दीप जले, न पटाखे बजे, न मिठाई बंटी और न पकवान हुए तैयार। बेटी के हत्यारे को फांसी की सजा दिलवाने की मांग को लेकर रात्रि 7 से 8 बजे एक घंटा गांव की बत्ती गुल रखी गई। हालांकि श्रद्धांजली देने आने वाले लोगों की समस्याओं को देखते हुए पूरे गांव में मात्र 2 स्थानों पर ही बत्तियां की रोशन रखी गई थी।

बता दें कि करीब 350 वर्षों के बाद गांव के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब गांव में दीवाली नहीं मनाई गई। 1600 कुढ़ी के गांव में 4 पट्टी हैं और 36 बिरादरी के लोग आपसी सौहार्द एवं भाईचारे से रहते आएं हैं। गांव में 33 केवी का बिजली स्टेशन है और गांव में बिजली लाने के लिए ग्रामीणों ने लंबा संघर्ष किया है।

बावजूद इसके एक घंटा ग्रामीणों द्वारा बेचिराग रखे गए इस गांव में इस कदर सन्नाटा था कि रह रहकर पीड़ित परिवार की सिसकियां पूरी गली में सुनाई दे रही थी आक्र अनसुलझे प्रश्न थे कि 7 वर्ष की मासूम बच्ची का आखिरकार क्या कसूर था कि हवस के भेडिय़े ने उसे मौत दे दी। गौरतलब है कि कलायत थाना क्षेत्र के एक गांव में 8 अक्तूबर को बाद दोपहर दूसरी कक्षा की एक 7 वर्षीय मासूम बच्ची को बरगलाकर एक युवक जंगल में ले गया। उसने इसके साथ दुष्कर्म किया और वारदात पर पर्दा डालने के लिए बेटी को मौत की नींद 
सुला दिया था।  

 

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Isha