ITI की भर्ती में फर्जी अनुभव धांधली मामले में उच्च स्तरीय जांच की उठ रही मांग

6/12/2022 7:08:20 PM

चंडीगढ़(धरणी): रेगुलर भर्ती डेलिगेशन के पदाधिकारी मनजीत ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से अपील की है कि  3206 पदों पर आईटीआई इंस्ट्रक्टर की भर्ती में चल रही फर्जी एक्सपीरिएंस की धांधली के मामले में उच्च स्तरीय जांच करवाएं। जुलाई 2019 में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 3206 पदों पर आईटीआई इंस्ट्रक्टर की भर्ती के लिए विज्ञापन 12/2019 निकाली थी। इसमें बीटेक के लिए 1 साल, डिप्लोमा के लिए 2 साल और आईटीआई क्वालिफिकेशन वालों के लिए 5 से 8 साल का टीचिंग या कंपनी में काम का एक्सपीरियंस मांगा गया था।

कई कंपनियों द्वारा रुपए के बदले फर्जी अनुभव देने की बात आई सामने

रेगुलर भर्ती डेलिगेशन का कहना है कि अब हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग  में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन चल रही है। यह वेरिफिकेशन आईटीआई डिपार्टमेंट की एक कमेटी द्वारा की जा रही है। यह कमेटी सिर्फ एलिजिबिलिटी  चेक कर रही है की क्या जो एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट लगाए हैं वे डिपार्टमेंट के सर्विस रूल के हिसाब से सही है या नही। लेकिन इससे यह पता नहीं चल रहा कि उम्मीदवार ने असल में काम किया भी है या नहीं। बड़ी संख्या में  कैंडिडेट्स ने कंपनी और कॉलेज के लेटर पैड पर एक्सपीरिएंस टाइप करवा रखे हैं, जबकि उन कंपनी और कॉलेज वालों को पता भी नहीं कि उनके यहां का एक्सपीरिएंस सर्टिफिकेट का प्रयोग सरकारी नौकरी पाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक कंपनी जिसने लेबर डिपार्टमेंट  के पोर्टल पर अपने कर्मचारियों की संख्या 15 दिखा रखी है, उसके द्वारा रुपए लेकर  200 से ज्यादा कैंडिडेट के फर्जी एक्सपीरियंस बना कर दिए हुए हैं।

दूसरे राज्यों की आईटीआई से फर्जी अनुभव ले रहे कई उम्मीदवार

मंजीत का कहना है कि बड़ी संख्या में कैंडिडेट ने हरियाणा की प्राइवेट आईटीआई से एक्सपीरिएंस बनवा रखे है। आईटीआई डिपार्टमेंट के रूल के हिसाब से एक प्राइवेट आईटीआई में एक ट्रेड के लिए एक ही इंस्ट्रक्टर को रख सकते हैं, परंतु प्राइवेट आईटीआई वालों ने एक ट्रेड के लिए 5-6 कैंडिडेट के फर्जी एक्सपीरिएंस बना कर दे रखे हैं। बहुत से उम्मीदवारों ने दूसरे राज्यों की प्राइवेट आईटीआई (यूपी के शामली और मेरठ जिले) से फर्जी एक्सपीरिएंस बनवा रखे है ताकि उनके एक्सपीरिएंस का सत्यापन ना हो सके। कई उम्मीदवारों ने तो बंद हो चुके स्कूल, कॉलेज, प्राइवेट आईटीआई और कंपनियों से एक्सपीरिएंस बनवा रखे है, ताकि उनके एक्सपीरिएंस फर्जी होने का पता ना चल सके।

मनजीत ने कहा कि इसी मुद्दे को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग  में एप्लीकेशन दी थी, जिसका कोई जवाब नही दिया गया। उसके बाद सीएम विंडो पर शिकायत डाली गई तो  हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने जवाब दिया की वो सिर्फ एक्सपीरिएंस के विज्ञापन के अनुसार एलिजिबिलिटी चेक कर सकते है। फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र (सत्यापन)की जांच करना आईटीआई डिपार्टमेंट हेड ऑफिस का काम है। इसके बाद आईटीआई डिपार्टमेंट हेड ऑफिस में लीगल नोटिस भेजा गया तो डिपार्टमेंट ने जवाब दिया कि फर्जी एक्सपीरिएंस की जांच करना हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग  का काम है। वो तो एक कमेटी भेज रहे है जो सिर्फ एलिजिबिलिटी चेक करने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को मदद कर रही है। फर्जी एक्सपीरिएंस की प्रमाणिकता (सत्यापन) का जांच करना  हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग का काम है।

  मनजीत ने कहा कि  एचएसएससी या आईटीआई डिपार्टमेंट  को भी एचपीएससी की तरह ही ज्वाइनिंग से पहले सिलेक्टेड कैंडिडेट के अनुभव प्रमाण पत्र की सत्यता चेक करनी चाहिए, ताकि फर्जी कैंडिडेट बाहर हो सके और सही कैंडिडेट का चयन हो सके। इस से सही अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो सकेगा और कोर्ट केस से भी बचा जा सकेगा। अगर ज्वाइनिंग से पहले अनुभव प्रमाण पत्र चेक हो जाए तो अनुमानित 30-40% कैंडिडेट बाहर होंगे। इतनी बड़ी संख्या में फर्जी अनुभव वाले कैंडिडेट इस भर्ती में है। जिस प्रकार एचपीएससी बैंक स्टेटमेंट, पासबुक, पीएफ स्टेटमेंट, ईएसआई स्टेटमेंट, एनपीएस स्टेटमेंट की काम करने के समय की प्रतिलिपि(कोई भी एक सबूत), कोई भी सबूत नहीं है तो  कंपनी के एक्सपीरिएंस सर्टिफिकेट का जिला श्रम आयुक्त और प्राइवेट कॉलेज/प्राइवेट आईटीआई/प्राइवेट स्कूल के एक्सपीरिएंस सर्टिफिकेट का संबंधित नोडल अधिकारी से सत्यापन करवाता है कि तर्ज पर जांच हो।

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Content Writer

Vivek Rai