हरियाणा विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक का नाम बदलने की मांग, एडवोकेट हेमंत कुमार ने लिखा पत्र

3/6/2022 2:23:48 PM

चंडीगढ़(धरणी) : हरियाणा विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में गत शुक्रवार 4 मार्च को प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज द्वारा सदन में पेश किये गए हरियाणा विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक, 2022 के सम्बन्ध में  पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री  और गृहमंत्री आदि को लिखकर आह्वान किया है की उक्त विधेयक का नाम बदलकर हरियाणा धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक, 2022 कर दिया जाना चाहिए ।  

हेमंत ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 का हवाला देते हुए बताया कि उसमें साफ़ तौर पर उल्लेख है कि सभी व्यक्तियों  को अंतःकरण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता होगी. चूँकि उक्त अनुच्छेद 25 हमारे देश के  संविधान के मौलिक अधिकार्रो के भाग के अंतर्गत  पड़ता है, इस प्रकार ऐसी  धार्मिक  स्वतंत्रता हर भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है.

उन्होंने आगे बताया कि  19 वर्ष पूर्व वर्ष 2003  में  देश के मौजूदा  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब  गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने गुजरात   विधानसभा से गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता कानून, 2003 पारित करवाकर लागू करवाया था  जिसके प्रावधानों में हालांकि जबरन, धोखे, प्रलोभन आदि से किसी व्यक्ति का धर्म परिवर्तन को रोकना और ऐसा करने वालो के लिए उपयुक्त दंड (कारवास और जुर्माना ) का प्रावधान करना शामिल है. समय समय पर उपरोक्त गुजरात के कानून में संशोधन भी किये गए जिसमें गत वर्ष पारित किया गया गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन ) कानून, 2021 भी शामिल है जिसके  द्वारा धोखे से विवाह के नाम पर धर्म परिवर्तन करवाने के प्रावधानों को और सख्त  किया गया है. उक्त कानून के अंतर्गत अपराधों को संज्ञेय और गैर-ज़मानती करने और न्यूनतम डीएसपी रैंक  के पुलिस अधिकारी से उनकी जांच करवाना भी  शामिल है जबकि पहले न्यूनतम पुलिस इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी ऐसी जांच कर सकता था.

बहरहाल, हेमंत ने बताया कि गुजरात के बाद वर्ष 2006 में हिमाचल प्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने भी हिमाचल प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता कानून के नाम से ऐसा कानून बनवाया था. इसके बाद   वर्ष 2019 में हिमाचल की मौजूदा जय राम ठाकुर की भाजपा सरकार ने उक्त 2006 कानून को समाप्त राज्य विधानसभा से उसी नाम से   प्रदेश के लिए नया धार्मिक स्वतंत्रता कानून बनवा दिया जो हालांकि दिसंबर, 2020 से लागू किया गया. इसी प्रकार उत्तराखंड में मौजूदा  भाजपा सरकार ने वर्ष 2018 में भी उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता के नाम से ऐसा कानून बनवाया.

 एक वर्ष पूर्व मार्च, 2021 में मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की भाजपा सरकार ने वर्ष 1968 के पुराने धार्मिक स्वतंत्रता कानून को समाप्त कर नया मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता कानून, 2021 बनवाया. झारखण्ड में भी वर्ष 2017 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने झारखण्ड धार्मिक स्वतंत्रता कानून बनवाया. गत वर्ष दिसंबर, 2021 में कर्नाटक की मौजूदा बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली  भाजपा  सरकार द्वारा भी प्रदेश विधानमंडल से  कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण कानून पारित किया गया. हालांकि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार  द्वारा नवंबर, 2020 में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन  प्रतिषेध अध्यादेश द्वारा राज्य में ऐसा कानून लागू किया गया जिसे हालांकि मार्च, 2021 में उत्तर प्रदेश विधानमंडल द्वारा विधेयक के तौर पर  पारित कर  अधिनियम का दर्जा दे दिया गया.

Content Writer

Vivek Rai