कोरोना काल में आतंक बन रहा डेंगू का डंक, पूरे जिले में पैर पसार रही बीमारी

9/11/2021 8:48:45 AM

पलवल : एक तरफ पूरा जिला कोरोना वायरस से जूझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ डेंगू का आंतक भी शुरू हो गया है। जिले में डेंगू ने अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है। डेंगू से मौत का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। प्रशासन की लापरवाही के कारण पूरा जिला डेंगू और मलेरिया की चपेट में आ चुका है। चारों तरफ पैर पसार चुकी इस बीमारी के कारण कई मौते हो चुकी हैं। जिला प्रशासन अपनी नाकामी और लापरवाही को दबाने के लिए डेंगू से होती मौत के आंकड़ों को छिपा रहा है। जिले में डेंगू  के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, जो बड़ी चिंता का विषय है।  

शहर के वार्डों में सफाई नहीं हो रही है। ड्रेनेज का हाल बेहाल है, सड़कों में गडढे हैं, जिसमें पानी जमा होने के कारण मच्छर पनप रहे। शहर में अभी तक फॉगिंग शुरू ही नहीं हुई है। नगर परिषद वार्डवासियों से टैक्स तो पूरा वसूल रही है, लेकिन सुविधाएं आधी भी नहीं दे पा रही है। शहर के सभी वार्डों में गंदगी का अंबार लगा है। वर्तमान में ही स्थिति बेकाबू हो चुकी है। प्रशासन की लापरवाही का सिलसिला ऐसा ही जारी रहा तो डेंगू से मौत के आंकड़ों में इजाफा होते देर नहीं लगेगी। नगर परिषद व स्वास्थ्य विभाग अभी भी गहरी नींद में है। सिविल अस्पताल के अधिकारियों की मानें तो हालात नियंत्रण में होने के दावे किए जा रहे हैं। उनके अनुसार जिले में अभी तक डेंगू के संभावित 42 केस आए हैं जो कि जांच करने पर सभी नेगेटिव मिले हैं। जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से प्राइवेट लैब की रिपोर्ट के बारे में पूछा गया तो उनका कहना है कि उसका उनके पास कोई डाटा नहीं है।  

कई पूर्व पार्षदों की माने तो  शहर के अधिकतर वार्डो में डेंगू अपने पैर पसारता जा रहा है। गली गली में डेंगू का कहर शुरू हो चुका है। अभी तक डेंगू के कई  मामले सामने आ चुके हैं और मौतें भी हो चुकी हैं। बहुत से लोगों की डेंगू पॉजिटिव रिपोर्ट आ चुकी है और कईयों की रिपोर्ट आना बाकी है। यहां आपको बता दें कि इस मौसम में जिले में डेंगू का कहर बढ़ जाता है। क्योंकि इस सीजन में हर जगह मच्छर नजऱ आते हैं। लिहाजा लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा गया है और सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

डेंगू से हुई संभावित मौतें
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी 24 वर्षीय अंकित सहरावत नामक युवक की मौत  एक सितंबर को बुखार की चपेट में आने से हो गई। मृतक के परिजनों ने बताया कि अंकित को एक सितंबर को बुखार आया था और 2 दिन बाद ही उसकी मौत हो गई। वहीं दूसरी तरफ हथीन के वार्ड नंबर 11 की रहने वाली 50 वर्षीय महिला की मौत भी बुखार आने के बाद हुई। महिला के परिजन नासिर अजमत का कहना है कि उनकी चाची की हथीन की एक लैब में डेंगू की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद उन्हें लेकर एक निजी अस्पताल गए थे। जहां 25 अगस्त को उपचार के दौरान उनकी चाची की मौत हो गई। वही वार्ड नंबर 24 में भी अभी तक तीन बच्चो और एक महिला की मौत हो चुकी है जिनमे घनश्याम, वीर अवस्थी, गीता और साक्षी शामिल हैं और पंद्रह बीस लोग अभी भी डेंगू के बुखार से पीड़ित हैं।

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Content Writer

Manisha rana