वंचित एससी जातियों को शिक्षण संस्थानों में 20 फीसद आरक्षण, अगले शैक्षणिक सत्र से मिलेगा लाभ

3/6/2020 4:47:10 PM

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा में अनुसूचित जाति वर्ग की 36 वंचित जातियों के युवा छात्रों को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। इन जातियों के छात्रों को अब उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों के दाखिलों में 20 फीसद अलग से आरक्षण मिलेगा, जोकि एससी वर्ग के कुल 50 फीसद आरक्षण के दायरे में ही होगा। अधिसूचना जारी होते ही अगले शैक्षणिक सत्र से युवा छात्रों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। हरियाणा सरकार ने विधानसभा में इस संदर्भ में एक संशोधन बिल पास करवा लिया है।

भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा ने इस बिल का खुलकर समर्थन किया, जबकि उनकी गीता भुक्कल के साथ बहस भी हुई। कुछ विधायकों ने इस पर कड़ा ऐतराज भी जताया, मगर सरकार उनका जवाब देते हुए इस बिल को पास करवाने में कामयाब रही। हरियाणा विधानसभा ने हरियाणा अनुसूचित जाति (सरकारी शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिले में आरक्षण) विधेयक, 2020 पास किया। 

जैसे ही इस बिल को सदन में पेश किया गया तो कांग्रेसी विधायक गीता भुक्कल ने इसका विरोध किया, उन्होंने कहा कि अनुसूचित जातियों में आरक्षण की जैसी व्यवस्था चल रही है, उसे चलने दिया जाए। भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा व जगदीश नैयर ने इस बिल का समर्थन किया। विधायक ईश्वर सिंह ने सरकार से इस बिल पर पुनर्विचार की मांग की। मगर मुख्यमंत्री ने विभिन्न तथ्यों के साथ सदन को बताया कि इन वंचित अनुसूचित जातियों के और बेहतर शैक्षणिक विकास के लिए ये निर्णय बहुत जरूरी था।

इन वंचित अनुसूचित जातियों को मिलेगा इसका लाभ
इस बिल के पास होने से अद धर्मी, वाल्मीकि, बंगाली, बरार-बुरार-बेरार, बटवाल-बरवाला, बोरिया-बावरिया, बाजीगर, बंजारा, चनल, दरेन, देहा-धाया-धेइया, धानक, धोगरी-धांगरी-सिग्गी, डुमना- महाशा-डूम, गगरा, गंधीला-गंदील-गंदोला, कबीरपंथी-जुलाहा, खटीक, कोरी, कोली, मरीजा-मरेच, मजहबी-मजहबी सिख, मेघ-मेघवाल, नट-बदी, ओड, पासी, पेरना, फरेरा, संहाई, संहाल, सांसी-भेदकुट-मनेश, संसोई, सपेला-सपेरा, सरेरा, सिकलीगर-बरीया व सिरकीबंद जातियों के युवा छात्रों को 20 फीसद अलग आरक्षण का लाभ मिलेगा।

इन जातियों के सिर्फ 3.53 फीसद लोग है ग्रेजुएट
सरकार ने इस बिल का आधार सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईससी) सर्वेक्षण 2011 को बनाया है। इन वंचित अनुसूचित जातियों के कम ही बच्चे उच्चतर शिक्षा ले पाते हैं। आंकड़ों से पता चला है कि शिक्षा के मामले में वंचित अनुसूचित जातियों की केवल 3.53 प्रतिशत आबादी ही ग्रेजुएट हैं, 3.75 प्रतिशत वरिष्ठï माध्यमिक स्तर की है और 6.63 प्रतिशत मैट्रिक या माध्यमिक स्तर की है। इतना ही नहीं 46.75 प्रतिशत निरक्षर हैं। यानी इन जातियों के बहुत कम ही बच्चे बारहवीं के बाद उच्चतर शिक्षा ले पाते हैं, यही वजह है कि इन बच्चों को आगे रोजगार में भी ज्यादा अच्छे अवसर नहीं मिल पाते।

Shivam