डेरा श्रद्धालुओं का अब घरों पर ही है ‘डेरा’

4/3/2020 8:50:59 AM

डेस्क : हरियाणा व पंजाब में डेरावाद की परम्परा रही है। ये दोनों ऐसे राज्य हैं जहां डेरों व मठों की संख्या दूसरे प्रदेशों की तुलना में अधिक है। पंजाब व हरियाणा में छोटे-बड़े कुल मिलाकर करीब 8 हजार डेरे व मठ हैं। इनमें प्रमुख हैं राधा स्वामी डेरा ब्यास, नूरमहल आश्रम, निरंकारी मिशन, डेरा सच्चा सौदा सिरसा, डेरा बाबा भूम्मण शाह व नामधारी डेरा।

कोरोना वायरस के चलते इस समय हरियाणा में लॉकडाऊन चल रहा है और पंजाब में कफ्र्यू जारी है। ऐसे में कभी श्रद्धालुओं की भीड़ से गुलजार रहने वाले ये डेरे व आश्रम परिस्थितियों के मद्देनजर सुनसान पड़े हैं। इन डेरों व आश्रमों में होने वाले सभी तरह के धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है तो डेरा ब्यास के प्रबंधन ने तो स्वयं के सत्संग घरों को आइसोलेशन सैंटर के रूप में इस्तेमाल करने का आग्रह हरियाणा व पंजाब की सरकारों से कर दिया है।

इसी प्रकार से कम्बोज समुदाय के डेरा बाबा भूम्मण शाह को भी पूरी तरह से श्रद्धालुओं के लिए बंद करते हुए डेरा के मुख्य द्वार पर बैनर लगा दिया गया है कि विश्व व भारत में फैल रहे कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए डेरा बाबा भूम्मण शाह को श्रद्धालुओं के लिए अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।

पंजाब-हरियाणा में है डेरावाद अहम
गौरतलब है कि हरियाणा व पंजाब में डेरावाद अहम माना जाता है। पंजाब के डेरा ब्यास में लॉकडाऊन के चलते इस समय धार्मिक गतिविधियां रद्द कर दी गई हैं। डेरा ब्यास एवं हरियाणा के सिरसा के गांव सिकंदरपुर में स्थित राधा स्वामी सत्संग घर में इन दिनों प्रशासन की देखरेख में जरूरतमंदों के लिए लंगर सेवा जारी है। पुलिस एवं जरूरतमंदों के लिए हर रोज हजारों पैकेट लंगर तैयार किया जा रहा है। वहीं सिरसा में डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय है। करीब 750 एकड़ में फैले इस डेरे के सभी प्रमुख द्वारों को लॉकडाऊन के बाद से ही बंद किया हुआ है। 

डेरा की ओर आने-जाने वाले सभी रास्तों को बंद करते हुए बेगू रोड पर कीॢतनगर चौकी के पास पुलिस नाका लगाया गया है। सरकार की ओर से लॉकडाऊन की घोषणा होने के बाद से ही यहां रह रहे सेवादार अपने घरों को लौट गए हैं। डेरा में इस समय कुछ प्रबंधक कमेटी के लोग डेरा परिसर में बने अपने-अपने घरों में ही रह रहे हैं। डेरा में स्थित सच मार्कीट एवं होटल आदि भी बंद पड़े हैं। डेरा सच्चा सौदा में 28 फरवरी को महापरोपकार दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसके बाद प्रत्येक रविवार को होने वाले सत्संग के कार्यक्रम आगामी आदेशों तक रद्द कर दिए गए हैं।

Isha