डेरा सच्चा सौदा: 10 साल पहले पढऩे भेजा, चार बार देखी झलक, अब हमेशा के लिए लापता

9/3/2017 11:56:35 PM

चरखी दादरी(राजेश): गांव तिवाला से 10 वर्ष पूर्व डेरा सच्चा सौदा सिरसा में पढ़ाई के लिए गए भाई-बहन इतने लंबे समय में मात्र 4 बार ही मिले। यह खुलासा डेरे से लौटे जयजीत ने किया। बेटी रेणु उर्फ  श्रद्धा को वापस पाने के लिए अब परिजनों ने कमर कस ली है। 

 

डी.सी. से लगाई मदद की गुहार 
सोमवार को वह इस संबंध में विधायक राजदीप फौगाट संग डी.सी. विजय कुमार सिदप्पा से मिलकर मदद की गुहार लगाएंगे। पीड़ित परिवार ने पुलिस व प्रशासन पर भी अभद्र व्यवहार व गुमराह करने का आरोप लगाया है। गांव तिवाला निवासी पृथ्वी सिंह के 2 भाइयों व उनकी पत्नियों की अक्समात मौत होने के बाद उनके बच्चों को पृथ्वी सिंह की पत्नी राजेश देवी ने अपनाया था। वर्ष 2007 में उन्होंने गांव के ही 2 परिवारों जो राम रहीम के अनुयायी हैं, के कहने पर रेणु व संजू को पढऩे के लिए सिरसा डेरे में भेजा था। उस समय रेणु व संजू मात्र 12 व 11 वर्ष के ही थे। 

 

नहीं करवाई जाती थी फोन पर बात 
राजेश देवी को डेरा प्रबंधन ने शुरूआत के डेढ़ वर्ष में मात्र 3 बार बच्चों से मिलने दिया। इस दौरान उनके नाम भी बदल दिए गए। संजू को वहां नया नाम जयजीत तथा रेणु को श्रद्धा मिला। इसके बाद उनको श्रद्धा से मिलने पर रोक लगा दी। न तो उससे फोन पर बात करवाई जाती तथा न ही सामने बिठाकर मिलने दिया जाता था, जबकि जयजीत के मामले में ऐसा कुछ नहीं था। अब दुष्कर्म मामले में राम रहीम को जेल होने के बाद संजू उर्फ जयजीत घर लौट आया है लेकिन रेणू उर्फ श्रद्धा से सम्पर्क नहीं हो पा रहा। परिवार का आरोप है कि डेरा प्रबंधन ने श्रद्धा को डरा-धमका रखा है तथा उस पर घर न लौटने का दबाव बनाया जा रहा है।