चुनौतीपूर्ण वर्ष 2021 में पंचकूला की झोली में पड़े 4000 करोड़ के विकास कार्य: ज्ञान चंद गुप्ता

1/5/2022 5:37:52 PM

चंडीगढ़ (धरणी) : बीता वर्ष 2021 प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए बेहद संकट पूर्ण रहा। कोरोना ने पूरे विश्व में त्राहिमाम त्राहिमाम करवा डाला। वहीं कॉविड के साथ-साथ देश के सामने किसान आंदोलन जैसी बड़ी चुनौती खड़ी रही। खास तौर पर पंजाब- हरियाणा और दिल्ली इससे खासे काफी प्रभावित रहे। लेकिन इन चुनौतियों के बीच पंचकूला लगातार विकास के पथ पर अग्रसर रहा। कारण कई थे। जिसमें देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का पंचकूला से खास लगाव भी मुख्य कारण रहा। साथ ही साथ पंचकूला का विधायक ज्ञान चंद गुप्ता जैसा व्यक्ति होना भी इसकेे विकास की गति को बेहद रफ्तार देने वाला साबित हुआ।

कोरोना और किसान आंदोलन से सारा सिस्टम अस्त व्यस्त रहा। लेकिन उसके बावजूद विकास के आंकड़ों पर नजर डाले तो यह साल पंचकूला के लिए काफी फायदेमंद रहा। इस बारे में अलविदा 2021 के बाद सुस्वागतम 2022 पर चर्चा करते हुए गुप्ता ने कहा कि पंचकूला के लिए बीते वर्ष की सबसे बड़ी उपलब्धि पंचकूला को मेट्रोपॉलिटन सिटी डिक्लेअर होना रहा। पंचकूला प्रदेश का तीसरा जिला यह उपलब्धि हासिल करने वाला बना। जिससे विकास को काफी रफ्तार मिली। इसके बाद बहुत सी कंपनियां, बिल्डर, इंडस्ट्री, फिल्म इंडस्ट्री व टूरिज्म को पंचकूला की ओर आकर्षित हुए। मुख्यमंत्री के आशीर्वाद के कारण वर्ष 2021 में मोरनी हिल एरिया को एक टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करने की तरफ प्रयास हुए हैं।

आज बड़ी संख्या में सैलानी आकर्षित हुए। टिक्कर ताल में पैराग्लाइडिंग, पैरासेलिंग, वाटर स्कूटी या ट्रैक्स जिन पर लोग अपनी एडवेंचर गतिविधियां कर सकते हैं। इस प्रकार से पंचकूला के विकास को एक बेहतरीन  रफ्तार मिली है। पंचकूला में संपत्तियों के रेट भी काफी ज्यादा हुए हैं। इसके साथ-साथ नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी, 500 करोड़ की लागत से आयुष का एम्स, पीडब्ल्यूडी का रेस्ट हाउस समेत करीब 4000 करोड रुपए के यहां विकास कार्य हुए हैं। इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री का विशेष लगाव पंचकूला से हमेशा रहा। उनके 5 साल का महत्वपूर्ण समय यहां बीता है। 1150 करोड़ की लागत से एनएच 73 बनाया जाना, गुरुद्वारा नाडा साहब व माता मनसा देवी के लिए 25- 25 करोड़ रुपए के पैकेज दिए जाने व खेलो इंडिया कार्यक्रम के आयोजन की जिम्मेदारी पंचकूला को मिलने से पंचकूला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभर कर सामने आया है।

गुप्ता ने वर्ष 2022 के आगमन पर पंचकूला के लिए उनकी सोच बारे चर्चा करते हुए बताया कि पंचकूला में बहुत से कार्य अभी पाइपलाइन में हैं। 2015 में मेडिकल कॉलेज की घोषणा हुई। आयुष के एम्स शुरू होने के कारण इस मेडिकल कॉलेज की शुरूआत नहीं हो सकी। इस वर्ष में मेडिकल कॉलेज की मंजूरी और निर्माण कार्य शुरू करवाने के प्रयास रहेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर म्यूजियम का निर्माण थोड़े समय पहले ही शुरू हुआ जो कि 2 साल में बनकर तैयार होगा। इसके साथ-साथ युवाओं को रोजगार दिलवाने के लिए कुछ नए प्रोजेक्ट लाने के प्रयास रहेंगे। 10 एकड़ जमीन हमने डिफेंस को नर्सिंग कॉलेज बनाने के लिए दी है जो कि इस वर्ष बनाने के लिए शुरु करवाने की हमारी कोशिश रहेगी।

साथ ही गुप्ता ने कहा कि आज की परिस्थितियों के अनुसार हरियाणा के लिए एक अच्छी विधानसभा की व्यवस्था होनी चाहिए। जो कि स्थान की कमी के कारण मौजूदा विधानसभा में नहीं हो पा रही। विधानसभा सेशन के दौरान मंत्रियों को उचित स्थान बैठने के लिए उपलब्ध नहीं करवा पा रहे। जिससे उनके विधाई कार्य और कार्यालय के कार्य करने में दिक्कतें आती हैं। विधानसभा की कमेटियों द्वारा विधानसभा की कार्यवाही संचालित की जाती है, उनके चेयरमैन तक के लिए हमारे पास बैठने का उचित स्थान उपलब्ध नहीं है। नेता विपक्ष के लिए भी पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं है। इसलिए हमारे नई विधानसभा के प्रयास रहेंगे। जिसके चलते लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी इस व्यवस्था की जरूरत समझी है। मुख्यमंत्री द्वारा भी इसमें सहमति दी गई है। मेरा प्रयास रहेगा कि एक अच्छी नई विधानसभा इसमें सारी सुविधाएं उपलब्ध हो जल्द से जल्द उसका निर्माण करवाया जाए। मैं गृह मंत्री अमित शाह से भी इस बारे में मिला था। उन्होंने भी इसे आगे बढ़ाने की बात कही थी।

इस मौके पर गुप्ता ने बताया कि 1 नवंबर 1966 को हरियाणा का गठन हुआ। लेकिन आज भी पंजाब का हरियाणा के 13 फ़ीसदी हिस्से पर कब्ज़ा है। जिस बारे मैंने वर्ष 2021 में कई प्रयास किए और परिणाम स्वरूप 2-3 अच्छी बैठकर भी हुई सौहार्द पूर्ण वातावरण में पंजाब- चंडीगढ़ यूटी और हरियाणा के अधिकारियों के बीच हुई। बैठकों में सूचनाओं का आदान प्रदान हुआ। आने वाले दिनों में फिर से निश्चित तौर पर बैठके होंगी और कोई ना कोई हरियाणा के पक्ष में निर्णय होने का मेरा प्रयास रहेगा। 1966 में हरियाणा बनने के 50 वर्ष बाद तक हमारे किसी भी स्पीकर ने इस मुद्दे को नहीं उठाया। हम थोड़ा लेट जरूर हुए हैं लेकिन हमें हमारा हक मिलना चाहिए। क्योंकि हमारे पास स्थान की काफी कमी है। यह स्थान दिलवाने का भी मेरा वर्ष 2022 में प्रयास रहेगा।

सोशल इंजीनियरिंग के माहिर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता की तारीफ न केवल सत्तापक्ष बल्कि विपक्ष के विधायक भी खुलकर करते हैं। इस पर गुप्ता ने चर्चा करते हुए बताया कि पिछले कई सत्रों से किसी भी विधायक को नेम करने की आवश्यकता नहीं हुई। सभी का सहयोग हमें बखूबी मिला है और मेरी कोशिश यही रहती है कि विषयों पर गंभीरता से चर्चा हो और ज्यादा से ज्यादा समय देने का मेरा प्रयास रहता है। हमारी विधानसभा में लगभग आधे विधायक पहली बार चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं। उन्हें प्रोत्साहन करने के लिए ज्यादा से ज्यादा समय दिए जाने का प्रयास मेरा रहता है। उसी का परिणाम है कि बखूबी चर्चा होती है।

सभी विधायक विधानसभा के सम्मानित सदस्य हैं और सभी को बराबर नजर से देखने का मेरा प्रयास रहता है। गुप्ता ने बताया कि मैंने वर्ष 2021 में ई विधान सभा को लेकर काम किए हैं। ई विधानसभा को लेकर भी लगभग सारी फॉर्मेलिटी पूरी हो चुकी हैं। हमारे पास फंड भी आ चुके हैं। स्पेस भी मिल चुका है। वर्ष 2022 के बजट सत्र में हमें ही विधानसभा बनने की सफलता की पूरी उम्मीदें हैं।  50 से 55 वर्ष के हरियाणा विधानसभा के इतिहास में शून्यकाल पहली बार मेरे समय में शुरू हुआ। विधानसभा में सार्थक चर्चा का मेरा प्रयास रहा। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का उसके लिए सहयोग आवश्यक है। मैंने प्रयास किया कि सत्ता पक्ष जितना ही समय विपक्ष को भी मिले।

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Content Writer

Manisha rana