घोटाले को दबाने के लिए दूसरे राज्यों से मंगवा रहे चावल, डीएफएससी व एसडीएम टीम ने पकड़े दो ट्रक

7/7/2020 5:02:27 PM

करनाल (केसी आर्या): हरियाणा के करनाल में करोड़ों के चावल घोटाले ने तूल पकड़ लिया है। इस घोटाले को दबाने के लिए अब दूसरे राज्यों से चावल मंगवाया जा रहा है। जिसको लेकर प्रशासन सख्त हो गया है। आज डीएफएससी व एसडीएम टीम ने बीपीएल कोटे के चावल के दो ट्रकों को पकड़ कर कब्जे में लिया। 

पकड़े गए दोनों ट्रक राजस्थान नम्बर के हैं। जानकारी के मुताबिक इन्हें यूपी के बांदा शहर से लोड किया गया था। दोनों ट्रक में 335 क्विंटल व 402 क्विंटल बीपीएल चावल लोड है। इस मामले की जांच एसडीएम नरेंद्र पाल मलिक कर रहे हैं। इस बारे डीसी ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दोनों ट्रक अलग अलग राइस मिल में उतरने थे। उन्होंने कहा कि इसकी जांच जारी है। 

बता दें कि करनाल में राइस मिलरों ने 30 जून तक चावल को सरकारी गोदाम में जमा करने की बजाए बाजार में बेच डाला है। जिससे सरकार को करीब 100 करोड़ से अधिक चूना लगने का अनुमान है। हालांकि सरकार ने कोरोना महामारी के चलते चावल जमा करवाने की तिथि को आगे बढ़ाते हुए 15 जुलाई तक कर दिया है, लेकिन राइस मिलर अभी इस स्थिति में नहीं है कि वह इस तिथि तक चावल जमा करवा सके।

जिला में 316 राइस मिलों में धान कुटाई का काम होता है। इन मिलों को सरकारी धान की कुटाई कर 30 जून तक तक जमा करवाना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे तिथि को 15 जुलाई तक कर दिया गया। चावल जमा न होने के पीछे तर्क लाॅकडाउन का दिया जा रहा है, लेकिन सच्चाई कुछ और है। 

वहीं इस बारे खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है, जिसमें हम पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं। किसी प्रकार का कोई भी घोटाला होने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। हम सभी जिलों में जीरी का स्टाक और राईस मिलों में गए चावल का स्टाक की जांच कर रहे हैं। जिसमें किसी भी प्रकार की खामी पाई गई तो उसे बख्शा नही जाएगा।

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vinod kumar