रिकार्ड देने में आनाकानी कर रहा डी.एफ.एस.सी. विभाग, विजीलैंस ने जारी किया तीसरा नोटिस

12/7/2019 12:47:08 PM

करनाल(शैली): सी.एम. सिटी में हुए फोॢटफाइड आटा घोटाला इस वर्ष सबसे चॢचत रहा। इस मामले में बिना आटा दिए डिपो होल्डरों ने जब राशन कार्ड धारकों के अंगूठे मशीन में तो लगवा दिए, मगर उन्हें आटा नहीं दिया गया। मगर खाद्य एवं आपूॢत विभाग के इंस्पैक्टरों द्वारा डिपो होल्डरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

वहीं इस मामले में राशन कार्ड धारकों ने इंस्पैक्टरों पर आरोप लगाया था कि जब इस बारे उनसे बातचीत की गई, तो इंस्पैक्टरों ने जवाब में कहा था कि आटा की सप्लाई नहीं आ रही है, एक-दो दिन में आएगी, जिसके बाद सुचारू रूप से आटा मिलेगा। मगर उन्हें जब काफी दिन बाद भी उन्हें आटा नहीं मिला तो उन्होंने बवाल काट दिया जिसके बाद खुलासा हुआ कि सरकार के पायलट प्रोजैक्ट में गड़बड़ी हुई है। वहीं इस मामले की अब विजीलैंस जांच शुरू हो चुकी है।

मगर डी.एफ.एस.सी. विभाग इस जांच में शामिल होने वाले दस्तावेजों को विजीलैंस विभाग को सौंपने में आनाकानी कर रहा है जिसको लेकर विजीलैंस विभाग ने शुक्रवार को तीसरा नोटिस खाद्य एवं आपूॢत विभाग को जारी किया है जिसमें लिखा है कि इस मामले की जांच से संबधित जो भी दस्तावेज है, उसे जल्द से जल्द विजीलैंस विभाग को उपलब्ध करवाया जाए, ताकि निष्पक्ष जांच की जा सके।  

क्या था मामला
जिले में पायलट प्रोजैक्ट के तहत गेहूं के बदले गरीबों को फोॢटफाइड आटा दिया जाना था। 12377 किं्वटल आटे में से महज 5600 किं्वटल आटा ही बंट पाया। फरवरी माह का आटा देने के लिए उपभोक्ताओं के ङ्क्षफगर पिं्रट तो लिए गए, लेकिन उन्हें आटा नहीं दिया गया जिसके बाद आटा घोटाले का शक हुआ। जब मामला अधिक बढ़ गया तो डी.एफ.एस.सी. कुशल बूरा को सस्पैंड कर दिया गया, जिसे बाद में बहाल कर दिया गया है।  

66 डिपो होल्डरों पर कार्रवाई हुई थी
इस मामले में 66 डिपो होल्डरों पर कार्रवाई हुई थी जिसमें सभी को निलंबित कर दिया गया था। मगर उसके कुछ दिन बाद ही उनमें से 45 डिपो होल्डरों को बहाली दे दी गई थी। जो 21 बचे हुए है, उनकी अपील डी.सी. कोर्ट में पैंङ्क्षडग है। जिस पर सुनवाई चल रही है। 

Isha