HC का फैसला: धारूहेड़ा के अध्यक्ष पद पर रहेंगे बरकरार, अटेली में फिर से होंगे चुनाव

9/12/2021 11:30:48 AM

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी): धारूहेड़ा नगर पालिका के अध्यक्ष पद और अटेली मंडी के पांच पार्षदों के मामले को लेकर उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। जिस बारे में बातचीत करते हुए हरियाणा इलेक्शन कमीशन के अध्यक्ष धनपत सिंह ने बताया कि धारूहेड़ा नगर पालिका के अध्यक्ष कंवर सिंह को मार्च 2021 में उनकी एजुकेशन क्वालीफिकेशन में संशय को लेकर हटा दिया गया था। अध्यक्ष पद खाली हो जाने के चलते हमने वहाँ के लिये चुनाव घोषित किया था। लेकिन आदेशों के विरुद्ध कंवर सिंह माननीय उच्च न्यायालय गए और उनकी सारी बात सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने उनकी योग्यता को सही ठहराया और उनकी रिपीटेशन असेप्ट करने के लिए कहा गया। क्योंकि उनकी रिपीटेशन में मेजर बात यही थी कि चुनाव न हो और मुझे ही रखा जाए। इसलिए चुनाव का कोई औचित्य नहीं बनता।

13 तारीख को माननीय उच्च न्यायालय का डिटेल आर्डर आना है। उसके अनुसार हम कार्यवाही करेंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि अटेली मंडी के पांच पार्षदों की सदस्यता मुंसिपल कमेटी की मीटिंग में नहीं आने के कारण भी खत्म की गई थी। क्योंकि लगातार तीन मीटिंग में ना आने पर हटाए जाने का प्रावधान है। यह भी इस मामले को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में गए थे। जहां उच्च न्यायालय ने प्रावधान के मुताबिक प्रिंसिपल सेक्रेट्री अर्बन लोकल बॉडीज को इनकी अपील सुनकर तुरंत फैसला करने के लिए डायरेक्शन दी। प्रिंसिपल सेक्रेट्री अर्बन लोकल बॉडीज अरुण गुप्ता ने इनकी अपील सुनी और पाया कि हटाए जाने के आदेश में कोई त्रुटि नहीं है। उन्होंने इस आदेश को बरकरार रखा। इसलिए जिला नारनौल की अटेली मंडी में 5 सीटों पर चुनाव होने हैं।

इस मौके पर धनपत सिंह ने बताया कि पंचायती राज चुनावों में महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण मामले में राज्य सरकार की तरफ से उनके पास मशवरा लेने को लेकर कोई रेफरेंस नहीं आया है। लेकिन सरकार से जो भी उन्हें अनुशंसा प्राप्त होगी, पंचायती राज एक्ट व मुंसिपल कॉरपोरेशन के हिसाब से वह चुनाव करवा देंगे। अगर सरकार 50 फ़ीसदी की बजाए पिछली 33 फ़ीसदी के हिसाब से ही चुनाव करवाना चाहेगी, तो राज्य सरकार को संबंधित नियमों में परिवर्तन करना पड़ेगा। इस बारे में माननीय उच्च न्यायालय से अगर कोई डायरेक्शन मिलती है तो उसे इंप्लीमेंट करेंगे। उन्होंने बताया कि कोविडकाल में चुनाव करवाना एक बड़ी चुनौती है रह- रहकर यह भी डर बना रहता है कि तीसरी लहर आने पर परेशानी बढ़ जाएगी। भारत सरकार की तरफ से भी राज्य सरकारों को ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने, वैक्सीन स्टॉक करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इसका मतलब तीसरी लहर आने की आशंका है। अगर ऐसा हुआ तो फिर शायद चुनाव करवाना मुश्किल होगा। क्योंकि इससे लोगों की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

धनपत सिंह ने बताया कि चुनावों के लिए ईवीएम मशीनों की तैयारी की जा रही है। राजस्थान में 6 जिलों में पंचायती चुनाव हो चुके हैं। इसलिए वहां के स्टेट इलेक्शन कमिशन से बातचीत के बाद हमें करीब 10,000 ईवीएम मिलने की उम्मीद है। इसके लिए हमने चीफ इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया को भी लिख दिया है। पंजाब में 7000 एवीएम जो बिहार इलेक्शन कमीशन ने एलोकेट की थी, जो कि बिहार नहीं उठा पाया था। हमने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को हमारे यहां चुनाव करवाने के लिए बात की  तो शायद उनमें से करीब 5 से 6000 मशीनें हमें मिल जाएंगी। धनपत सिंह ने ईवीएम मशीनें खरीदने पर भी चर्चा करते हुए बताया कि सभी स्टेट इलेक्शन कमिश्नरस का व्यू है कि लोकसभा-विधानसभा-पंचायती- अर्बन लोकल बॉडीज चुनाव में एक जैसी मशीन ने इस्तेमाल हो ताकि वोटर्स के मन में किसी प्रकार का संशय पैदा न हो। लेकिन क्योंकि यह इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की प्रोपराइटी आइटम है। इसका डिजाइन और कंट्रोल उन्हीं के पास है।

 धनपत सिंह ने बताया कि हमने चीफ इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया से इस बारे अनुरोध किया है कि हमें बीएम3 टाइप मशीने खरीदने की इजाजत दें।जिससे पूरे देश में एक तरह की मशीनें हो जाने से संशय तो खत्म होगा ही, साथ ही एक स्टेट की मशीनें दूसरी स्टेट में भी आसानी से-अच्छे से हम प्रयोग कर पाएंगे। स्टेट में जो भी ईवीएम मशीन लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए रखी होती हैं, उन्हें लोकल बॉडी के चुनाव में इस्तेमाल कर सकेंगे तो ट्रांसपोर्टेशन और दूसरे लॉजिस्टिक खर्च भी कम होंगे। इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया इस पर क्या रुख लेते हैं यह देखने की बात रहेगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल हम नया डिजाइन अप्रूव हो तो हम 25000 मशीनें खरीदना चाहते हैं। इसके लिए कई सालों से 25 करोड़ का बजट प्रावधान होता है। जिससे करीब 10000 मशीनें आ जाएंगी। अगर इस साल डिजाइन अप्रूव होता है और इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया से हमें गो- हेड मिल जाता है तो हम मशीनें खरीदने की कोशिश करेंगे।

 

Content Writer

Isha