भूपेश्वर दयाल के बयानों पर दिग्विजय चौटाला ने जताई आपत्ति, कहा- खेद व्यक्त करें

7/20/2021 8:42:23 PM

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा सरकार में मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल के बयानों पर जजपा के प्रधान महासचिव दिग्विजयसिंह चौटाला ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि उन्हें चौटाला साहब के बारे में मर्यादा से हट कर बयान नहीं देने चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला सर्व मान्य नेता हैं। उन्होंने कहा कि इन बयानों के लिए उन्हें तुरंत खेद व्यक्त करना चाहिए।

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि ओम प्रकाश चौटाला उनके व पूर्ण समाज के सम्मानीय व्यक्तित्व हैं। उनके प्रति सभी को पूर्ण सम्मान देना चाहिए। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि जजपा पंजाब चुनावों में भी उम्मीदवार उतार सकती है। पंजाब से हमारे परिवार का पुराना नाता है। भाजपा से बातचीत करके गठबंधन में भी जाने पर विचार हो सकता है।

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी पंजाब और उत्तर प्रदेश में चुनाव लडऩे की बड़ी-बड़ी बातें कह रहे हैं। मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि पंजाब से तो उनका कोई रिश्ता-नाता नहीं है तो पंजाब जाने की क्यों सोच रहे हैं। ऐलनाबाद चुनाव है, आकर लड़ लें। किसान आंदोलन का कितना फायदा उन्हें मिलेगा यह पता चल जाएगा। चौटाला ने कहा कि चढूनी एक पॉलिटिकल आदमी है। तीन-चार बार उनकी जमानत जब्त हो चुकी है। अब इस जैसे एमपी-एमएलए के सपने लेने वाले व्यक्ति को प्लेटफार्म मिल गया है। 

चौटाला ने कहा कि मेरी किसानों से अपील है कि चढूनी जैसे लोगों को साइडलाइन करके टिकैत जैसे जिम्मेदार लोगों को आगे करेें। केंद्र सरकार से खुले दिल से बातचीत की जानी चाहिए, क्योंकि समाधान केवल बातचीत से निकलेगा। किसी की गाड़ी पर पत्थर फेंकने से-किसी को रोकने से समाधान नहीं निकलने वाला। मुझे दुख है कि किसान भले ही भविष्य की चिंता से या किसी के बहकावे से आंदोलन में बैठा है, तो भी उनकी बात सुनी जानी चाहिए। 

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि कोरोना काल के कारण राजनीतिक प्रतिक्रिया बिल्कुल बंद थी। लोगों का आवागमन, मिलना-जुलना अब शुरू हुआ है। हाल ही में पंजाब और उत्तर प्रदेश में चुनाव हैं और जिस समय दुष्यंत चौटाला द्वारा जेजेपी संगठन बनाया गया, तब डॉ. अजय सिंह ने एक बात बड़ी स्पष्टता से कही थी कि अब इसकी कोई सीमाएं नहीं है। हमें अपने पंखों का विस्तार करके और प्रदेशों में भी जाना है। हम पंजाब में जाकर वहां की हलचल भापेंगे और आगामी फैसला लेंगे। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चौ. देवीलाल की विचारधारा में विश्वास रखने वाले बहुत से लोग हैं, लेकिन उनके पास विकल्प नहीं था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों ने जिन्हें वोट दिए, वह उन्हें ठगते आए हैं। कभी एक दल के साथ मजबूती से नहीं खड़े हुए। अपने फायदे के अनुसार दलों को बदलते रहे। मैं इस बात का पक्षधर हूं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हमें कदम बढ़ाने चाहिए। निश्चित तौर पर वहां के लोगों का स्नेह और आशीर्वाद दुष्यंत को अवश्य मिलेगा।

Content Writer

Shivam