अंतिम वर्ष के छात्रों को बिना परीक्षा के पास करने का आग्रह, दिग्विजय ने शिक्षामंत्री को लिखा पत्र

6/22/2020 5:42:50 PM

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा में कोरोना वायरस के चलते शिक्षा व्यवस्था पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है। मार्च महीने से जहां प्रदेश के स्कूल कॉलेज बंद पड़े हैं, वहीं सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके प्रथम व द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। इसी कड़ी में छात्र इकाई इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने रविवार को राज्यपाल, शिक्षा मंत्री व उपकुलपतियों को पत्र लिखकर अंतिम वर्ष के छात्र छात्राओं को बिना परीक्षा के उत्तीर्ण करने की मांग रखी है।

पत्र के जरिए दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि प्रथम व द्वितीय वर्ष को बिना परीक्षा प्रोमोट किया गया है, जिसका हम स्वागत करते हैं। लेकिन सरकार ने अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं पारंपरिक तरीके से जुलाई महीने में कराने का फैसला लिया है जिससे प्रदेश का एक तिहाई विद्यार्थी वर्ग चिंतित है। उन्होंने कहा कि आज के दिन कोरोना महामारी का प्रकोप फैलता जा रहा है। कोरोना महामारी के शिकार लोगों व इससे जुड़ी मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के छात्र लगभग पिछले तीन महीने से अपने घर पर हैं और प्रदेश के बड़ी संख्या में विद्यार्थी ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से अपना सिलेबस पूरा नहीं कर पाए हैं क्योंकि उनके पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है।

उन्होंने कहा कि कोरोना का डर, पढ़ाई के दबाव, लॉकडाउन व परीक्षाओं को लेकर अनिश्चितताओं की वजह से विद्यार्थियों पर मानसिक तनाव पहले ही बहुत ज्यादा है। सरकार ने हरियाणा के बाहर के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा प्रमोट करने का फैसला लिया है लेकिन एक ही कक्षा में साथ बैठकर पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग परीक्षा नियम रखना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को परीक्षाओं के तुरंत बाद अपनी आगे की पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षाएं भी देनी है, जिसका अतिरिक्त दबाव भी उन पर पहले से है।

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि अंतिम वर्ष के छात्रों की अगर परीक्षाएं ली गई तो इससे विद्यार्थियों के स्वास्थ्य, परीक्षा प्रदर्शन व आगे की पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा में प्रदर्शन पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि देश के कई दूसरे राज्यों ने भी अंतिम वर्ष के छात्रों को बिना परीक्षा, आंतरिक मूल्यांकन व पिछले रिजल्ट के आधार पर पास किया है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का बड़ा विद्यार्थी वर्ग अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए आशा भरी नजरों से आपकी ओर देख रहा है। 

उन्होंने आग्रह किया कि प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों के स्वास्थ्य व उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए अंतिम वर्ष के सभी छात्र छात्राओं को भी आंतरिक मूल्यांकन व पिछले परिणाम को आधार मानते हुए बिना परीक्षा के पास कर दिया जाए।

Shivam