डिंगरहेड़ी, दोहरे हत्याकांड व गैंगरेप मामले में आया नया मोड़

5/29/2018 8:19:29 AM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):  ढींगरहेड़ी, नूह(मेवात) दोहरे हत्याकांड व गैंगरेप मामले में सोमवार को सी.बी.आई. जांच के बारे में स्पष्टीकरण रिपोर्ट फाइल करने के लिए समय मांगा, ऐसे में हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों की अंतरिम जमानत हाईकोर्ट ने 25 जुलाई तक बढ़ा दी है।

इससे पहले 7 मार्च, 2018 को सी.बी.आई. द्वारा कोई सबूत पेश न कर पाने के कारण हाईकोर्ट ने इन युवकों को अंतरिम जमानत की राहत दी थी। हरियाणा पुलिस की एस.आई.टी. द्वारा गिरफ्तार किए गए युवकों के वकील प्रदीप रापडिय़ा ने बताया कि 24 जनवरी 2018 को सी.बी.आई. की विशेष अदालत में 4 अन्य युवकों के खिलाफ चालान दायर करते हुए सी.बी.आई. ने दावा किया।

दरअसल भयानक घटना को अंजाम देने में एक्सल गैंग के 4 लोगों का हाथ था और इन 4 लोगों के डी.एन.ए. व फिंगर प्रिंट घटनास्थल से प्राप्त चीजों से मिलान होने से इन लोगों की अपराध में शामिल होने की पुष्टि हो गई है। हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए युवकों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।

25 अगस्त 2016 की रात को घटित भयानक घटना में एक ही परिवार के 2 लोगों की हत्या कर दी गई थी व 2 महिलाओं के साथ गैंगरेप हुआ था और परिवार के अन्य लोगों को चोटें आई थी। घटना के 3 दिन बाद ही हरियाणा सरकार द्वारा गठीत एस.आई.टी. ने अपराध की गुथी सुलझाने का दावा करते हुए पास ही के गांव मोहमदपुर अहीर के 4 युवकों को गिरफ्तार किया और दावा किया गया कि बलात्कार की शिकार युवतियों ने इन चारों युवकों पहचान करके इनकी घटना में शामिल होने की पुष्टि की थी। 

इसके बाद मामले की संजीदगी को देखते हुए व बेकसूरों की गिरफ्तारी के इलजाम के चलते 1 अक्तूबर 2016 को मामले की जांच हरियाणा सरकार ने सी.बी.आई. को सौंप दी। दोहरे हत्याकांड व गैंगरेप मामले ने नया मोड़ तब आया जब बलात्कार की शिकार लड़कियों ने सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट सलमान खुर्शीद (पूर्व कानून मंत्री) के माध्यम से याचिका दायर करके हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत के आदेश को चुनौती दी है।

हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों के वकील प्रदीप रापडिय़ा, जो सुप्रीम कोर्ट में भी इनके वकील हैं, उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक जांच में पाए गए सबूतों के आधार पर असली अपराधियों के गिरफ्तार होने के बावजूद दोहरे हत्याकांड व बलात्कार की शिकार युवतियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालना मामले को और ज्यादा पेचीदा बनाता है। 

पूरी दर्दनाक घटना व बलात्कार की शिकार युवतियों के दावे को शक के घेरे में लाता है। ऐसा लगता है जैसे निहित स्वार्थ के चलते व राजनीतिक कारणों से मामले को नया मोड़ देने का प्रयास किया जा रहा है। उन घटनाओं को मजबूती प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके चलते बिना किसी सबूत के ही राजनीतिक दबाव के चलते बेकसूर युवकों को 2 साल तक जेल में सडऩे पर मजबूर किया गया। 

Rakhi Yadav