डिंगरहेड़ी कांड: सुप्रीम कोर्ट ने CBI को जारी किया नोटिस, 2 सप्ताह में मांगी रिपोर्ट

4/21/2018 12:59:25 PM

नूहं(एेके बघेल): नूंह मेवात जिले के बहुचर्चित डिंगरहेड़ी कांड में सुप्रीमकोर्ट में डाली गई एसएलपी मामले में दो जजों की बेंच ने सीबीआई और चार आरोपियों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है। दरअसल पीड़ित पक्ष सीबीआई की कार्रवाई से खुश नहीं था, जिसके चलते उन्होंने सुप्रीमकोर्ट में सीएलपी डाली। पीड़ित पक्ष की तरफ से केटीएस तुलसी एवं सलमान खुर्शीद के अलावा सुजैल अय्यूब वकील के तौर पर पेश हुए। वकीलों ने सारा माजरा डबल बेंच के न्यायमूर्ति जस्टिस बोपडे और जस्टिस नागरेश्वर ने सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। 

पीड़ित परिवार को सुप्रीमकोर्ट से न्याय की उम्मीद जगी है। शुक्रवार को मामले की पैरवी कर रहे वकील एवं समाजसेवी के अलावा पीड़ित परिवार के लोग मीडिया के सामने आए। वकीलों के मुताबिक केस को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश की गई। पुलिस की थ्योरी पर भी सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि पहले तो पुलिस का कई दिन तक पीड़ित परिवार का ब्यान नहीं लेना और बाद में रेप पीड़िताओं द्वारा आरोपियों को पहचान लेना। सीबीआई पर केस गया तो वहां दूसरे अन्य चार आरोपियों को दोषी बताना। हद तो तब हो गई जब रेप पीड़िता लगातार बदमाशों की संख्या तक़रीबन आठ बता रही थी लेकिन महज चार को गिरफ्तार किया गया। हालांकि बाद में आठ लोगों की चार्जशीट दाखिल की। जिनमें से चार नूंह पुलिस ने पकड़े थे तो चार लोग गुरुग्राम पुलिस ने पकड़े थे। जिन्होंने हत्या-गैंगरेप की कई घटनाओं को कबूला था। जिसमें से डिंगरहेड़ी घटना को भी बताया गया। 

वकीलों के मुताबिक सीबीआई किसी राजनीतिक दवाब में काम कर रही है। मोहमद अनवर एडवोकेट ने कहा कि जब से भाजपा सरकार सत्ता में आई तब से डिंगरहेड़ी , अखलाक, पहलू खान, आसिफा जैसे घिनौने और जघन्य कांड हुए, जिसमें एक विशेष जाति के लोगों को निशाना बनाया गया। सरकार को अपना फर्ज निभाते हुए सबकी हिफाजत करनी चाहिए। 

उल्लेखनीय है कि गत 24 -25 अगस्त 2016 की रात्रि को नूंह मेवात जिले के डिंगरहेड़ी गांव में दो सगी बहनों का गैंगरेप, दो लोगों का मर्डर अौर चार लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। घटना को लेकर खूब पंचायतें हुई, जिसके बाद पुलिस ने पड़ोसी गांव के चार लोगों संदीप, कर्मजीत, अमरजीत, राहुल को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी को लेकर भी विरोध हुआ लेकिन पीड़िताओं ने चारों की शिनाख्त कर दी। पिछले कुछ माह बाद लोगों की डिमांड पर केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया तो उसने घटना के लिए अन्य चार लोगों को दोषी बताया। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने नूंह पुलिस द्वारा पकड़े गए चारों लोगों को अंतरिम जमानत दे दी। पीड़ित पक्ष को जब यह बात रास नहीं आई तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से कुछ राहत भरी खबर आई तो सीबीआई कार्रवाई का खुलकर विरोध किया गया। पीड़ित परिवार को सुप्रीम कोर्ट से न्याय की पूरी उम्मीद है। 

Nisha Bhardwaj