निजी स्कूलों में चल रही अवैध कक्षाओं पर शिक्षा निदेशालय की बड़ी कार्रवाई

12/31/2019 5:36:54 PM

चड़ीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी) : हरियाणा स्कूली शिक्षा निदेशालय ने प्रदेशभर के 8600 निजी स्कूलों को लेकर बड़ा कदम उठाया है। इस संबंध में शिक्षा के निजी स्कूलों में चल रही नर्सरी कक्षाओं की वैधता की जांच करेगा और इसकी रिपोर्ट महिला एवं बाल विकास विभाग निदेशालय को भेजी जाएगी, जिसके बाद निजी स्कूलों में चल रही अवैध एलकेजी, यूकेजी व नर्सरी कक्षाओं पर कार्रवाई के लिए कदम उठाया जाएगा।

प्रदेशभर में चल रहे 8600 निजी स्कूलों में कक्षा प्रथम से पहले एलकेजी, यूकेजी व नर्सरी की कक्षाओं का अवैध रूप से संचालन किया जा रहा है। जबकि ये कक्षाएं प्ले स्कूलों के अंतर्गत आती हैं। बिना अनुमति के इनका संचालन करना गैर कानूनी व पूरी तरह से अवैध है। बृजपाल परमार की शिकायत को मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जिस पर महिला एवं बाल विकास विभाग निदेशालय ने प्रदेशभर के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों से निजी स्कूलों के अंदर चल रही एलकेजी, यूकेजी व नर्सरी की कक्षाओं की जांच पड़ताल कर इसकी रिपोर्ट निदेशालय के समक्ष भेजे जाने के आदेश दिए हैं।

हाई कोर्ट के आदेशों की हो रही अवमानना : बृजपाल परमार
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक अप्रैल 2015 में आदेश जारी किया था कि प्री नर्सरी कक्षाओं में गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को 25 फीसदी मुफ्त दाखिले दिए जाएगे, लेकिन हरियाणा भर में चल रहे मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के अंदर चल रही प्री नर्सरी कक्षाएं अवैध हैं, जिनका शिक्षा विभाग के पास भी कोई रिकार्ड नहीं हैं, ऐसे में ये स्कूल इन कक्षाओं में गरीब बच्चों को भी माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार दाखिले का कोई लाभ नहीं दे रहे हैं। जिससे की सीधे-सीधे न्यायालय के आदेशों की अवमानना हो रही है। अगर महिला एवं बाल विकास विभाग से प्री नर्सरी कक्षाओं के संचालन की अनुमति होगी तभी गरीब बच्चों को 25 फीसदी मुफ्त दाखिले का हक मिल पाएगा।  
 


 

Isha