दुकान पर नहीं मिलते फार्मासिस्ट, किराए पर दिए जाते हैं सर्टिफिकेट!

7/18/2019 10:58:47 AM

फरीदाबाद (महावीर गोयल):  शहर की अनेक मैडीकल शॉप्स गलत तरीके से चल रही हैं। इन मैडीकल शॉप्स पर मैट्रिक, इंटर, ग्रे४युएट तो मिल जाएंगे लेकिन फार्मासिस्ट आपको सिर्फ कागजों पर ही नजर आएंगे। दरअसल,  सिटी में अनेक मैडीकल स्टोर ऐसे हैं जिन पर आपको फार्मासिस्ट मिलेंगे ही नहीं। अधिकतर मैडीकल शॉप्स पर सिर्फ उनके नाम का सर्टिफिकेट टंगा मिलता है लेकिन फार्मासिस्ट का कोई अता-पता नहीं रहता है। हर मैडीकल शॉप से फार्मासिस्ट का टाईअप रहता है। छह महीने पर एक बार फार्मासिस्ट मैडीकल शॉप्स पर आते हैं और अपने हिस्से का कमीशन उठाकर ले जाते हैं।

इन फार्मासिस्टों का काउंटर पर दी जाने वाली दवाओं से कुछ लेना-देना होता है। एक मैडीकल शॉप से सर्टिफिकेट के किराए के रूप में कम से कम 300 से 500 रुपए लिया जाता है। जबकि लाइसेंस लेने की प्राथमिकताओं में यह बात स्पष्ट होती है कि आपके पास फार्मासिस्ट का सर्टिफिकेट होना जरूरी है। तभी आपको मैडीकल शॉप के लिए लाइसेंस मिलता है। हैरानी की बात यह है कि ड्रग डिपार्टमेंट की ओर से भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।

केवल बिक्री से है मतलब
दरअसल, आप जो दवा ले रहे हैं वह सही है या नहीं, इसकी पहचान नहीं की जाती। क्योंकि काउंटर पर दवा दे रहे लोगों के पास न तो इसकी प्रॉपर ट्रेनिंग होती है और न ही उसे इससे कोई लेना-देना होता है। उसे सिर्फ प्रिस्क्रप्शन पर लिखे दवा के नाम से मिलान करना होता है। मिलान किया और दवा दे दी। इस बाबत जब एक मैडीकल शॉप संचालक से पूछा कि दवा की स्ट्रिप्स पर लिखे टेंपरेचर को कैसे मेंटेन किया जाता है तो उसने इसकी जानकारी होने से ही इंकार कर दिया। कंपोजिशन की बात तो वह समझ ही नहीं पाया। इन मैडीकल स्टोर्स पर भीड़ रहने के कारण वे बिना कंपोजीशन चेक किए इन दवाओं को निकाल देते हैं। कई मैडीकल स्टोर संचालक तो ऐसे हैं जिन्हें बैन मैडीसन के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है।

Isha