ट्रेन में बीमार होना पड़ न जाए भारी, बड़े स्टेशन पर न डाक्टर उपलब्ध न मैडीकल स्टोर्स

3/16/2020 12:11:59 PM

जाखल (बृजपाल) : ट्रेन से यात्रा करने वाला हर यात्री यात्रा करने के पहले भगवान से जरूर कामना करता होगा कि वह ट्रेन में बीमार न पड़ जाए, क्योंकि यदि आप ट्रेन में सफर कर रहे हैं और दुर्भाग्य से यदि आपकी या आपके परिजन की अचानक तबियत बिगड़ जाए तो आपको न ट्रेन के भीतर और न ही रेलवे स्टेशन पर किसी तरह की मदद मिलेगी। यात्रियों को सुखद और सुरक्षित सफर मुहैया कराने का दावा करने वाला रेल विभाग कई अहम यात्री सुविधाओं की अनदेखी कर रहा है।

स्टेशन पर मैडीकल हैल्पलाइन सैंटर खोलने का मामला भी इसी की बानगी है। देश को जोडऩे वाली लगभग 66 से अधिक ट्रेनों में सफर करने वाले हजारों यात्रियों का दबाव झेल रहे जाखल जंक्शन पर लंबे समय से मैडीकल स्टोर्स शुरू करने और डॉक्टर पदस्थ करने की मांग उठ रही है। कई बार अधिकारियों के दौरे पर यह मांग विभिन्न संगठनों ने उठाई, लेकिन हर बार विचार करने का झुनझुना थमाने का सिलसिला अब तक जारी है। जबकि स्टेशन पर मैडीकल सुविधा न मिलने के कारण कई रेलयात्री अपनी जान गंवा चुके हैं।

नहीं मिलती राहत
ट्रेनों में लंबी यात्रा करने वाले यात्रियों को कई बार सफर के दौरान दवाओं की जरूरत पड़ जाती है। बुखार, सिरदर्द, उल्टी-दस्त, बदहजमी जैसी शिकायतें तो अमूनन हर यात्रियों को होती हैं। ऐसी स्थिति में सफर के दौरान बड़े स्टेशनों पर यात्री तुरंत राहत देने वाली दवाओं के लिए परेशान होते रहते हैं, लेकिन शायद रेलवे को इस बात का अहसास नहीं है। आला अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए मुख्यालय से मैडीकल स्टोर्स के टैंडर जारी होने पर ही यह सुविधा यहां उपलब्ध कराई जा सकती है। यात्रियों का कहना है कि सारी दवाएं नहीं तो कम से कम ऐसी दस-बारह किस्म की जरूरी दवाएं तो स्टेशन प्रबंधक के पास ही उपलब्ध कराई जाना चाहिए जिससे मरीजों को एमरजैंसी में आराम मिल सके।

मामला 1
बुढ़लाडा से रोहतक जा रहे परमजीत उर्फ  पम्मा की सफर के दौरान बुढ़लाड़ा से ट्रेन निकलते ही अचानक तबीयत बिगड़ गई। ट्रेन से जाखल में उसे मैडीकल सुविधा देने के लिए जाखल ट्रेन रुकने के बाद जाखल नागरिक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया क्योंकि न तो उसे ट्रेन में प्राथमिक उपचार मिल सका ना रेलवे स्टेशन पर।

मामला नम्बर 2
13 मार्च भूषण कुमार गिदड़बाहा निवासी ट्रेन से दिल्ली से बङ्क्षठडा जा रहा था जींद निकलते ही हार्ट में दिक्कत हुई जाखल रेलवे पुलिस को सूचना मिली कि ट्रेन में यात्री को मैडीकल सेवा की एमरजैंसी जरूरत है जाखल में यात्री को पुलिस ने उतारा सरकारी अस्पताल पहुंचाया डॉक्टर इलाज करते इससे पहले उसने दम तोड़ दिया।

रेलवे स्टेशन पर मैडीकल सुविधा होती तो बच जाती जान  
लोगों का मानना है कि जाखल रेलवे स्टेशन पर मैडीकल सुविधा की व्यवस्था होती तो उपरोक्त दो रेलयात्रियों की नहीं, बल्कि हज़ारों यात्रियों को राहत मिलती। उन्होंने कहा कि अक्सर देखा कि स्टेशन पर  रेलयात्री मैडीकल स्टोर्स की दुकान तलाशते रहे, जहां फौरी राहत के लिए दवा मिल जाए लेकिन उन्हें दवा नहीं मिली। आसपास कोई स्टेशन भी नहीं था जहां दिखाकर ट्रेन पकड़ी जा सके। मजबूरी में उन्हें अपनी यात्रा निरस्त कर ट्रेन छोडऩा पड़ी।

आढ़ती एसोसिएशन प्रधान सतीश भोला, युवा उद्यमी दीपक सिंगला कहते हैं कि कई बार देखा है कि बच्चे को सफर के दौरान उल्टी दस्त शुरू हो गए। स्टेशन पर ट्रेन रूकने के बाद यात्री ग्लुकोज और दवाई लेने के लिए परेशान होते रहे, लेकिन स्टेशन पर कहीं भी मदद नहीं मिली। उनका कहना था कि दिल्ली व चेन्नई जैसे स्टेशनों पर उन्होंने देखा कि वहां डाक्टर व मैडीकल स्टोर मौजूद रहती है, लेकिन जाखल जंक्शन पर ऐसा कुछ नहीं होने से परेशानी हुई।

Isha