''भूलने की बीमारी को आदत न समझें, सही समय पर इलाज करवाएं'', जानिए विशेषज्ञ की राय

1/7/2021 4:31:56 PM

फरीदाबाद (सूरजमल): लोगों की बढ़ती उम्र अक्सर कई बीमारियों की वजह बन जाती है। ऐसे में कई बार घरवालों को लगता है कि बुजुर्ग उन्हें जानबूझ कर परेशान कर रहे हैं, जबकि वह जानबूझ नहीं, बीमार होते हैं और उन्हें सही देखभाल और प्यार की जरूरत होती है। इसी तरह जब आप ये भूल जाते हैं कि किस शहर में हैं, कौन-सा महीना या साल चल रहा है, बेवजह गुस्सा आता है। तारीख भी किसी से पूछनी पड़ती है। यह बीमारी को डिमेंशिया हैं।



यह‌ कहना है नीलम चौक स्थित एस्कोर्ट फोर्टिस अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग डायरेक्टर डॉ. रोहित गुप्ता का। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रोहित गुप्ता ने बताया कि आमतौर पर अल्जाइमर या डिमेंशिया को बुढ़ापे की बीमारी मानी जाती है, लेकिन खराब खानपान और आधुनिक जीवनशैली कब आपको इसका शिकार बना दें, कह नहीं सकते। अगर किसी की याददाश्त इतनी कमजोर हो गई हो कि उसका असर रोजाना के काम पर पडऩे लगता है। जैसे कि लोगों के नाम भूल जाते हैं, सामान रखकर भूल जाते हैं, कभी-कभी जोर से बोलने या रोने भी लगना, दिन में कई बार नहाना।



इन लक्षणों से घरवालों को लगता है कि वह जान-बूझ कर ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डिमेंशिया बीमारी में दिमाग के कुछ खास सेल्स खत्म होने लगते हैं, जिससे व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता कम हो जाती है और बर्ताव में बदलाव आ जाता है। डिमेंशिया की दो कैटिगरी होती है एक, जिसका बचाव या इलाज मुमकिन है और दूसरा उम्र के साथ बढऩे वाला। पहली कैटिगरी में ब्लड प्रेशर, डायबीटीज, स्मोकिंग, ट्यूमर, टीबी, विटामिन की कमी आदि से होने वाला डिमेंशिया आता है तो दूसरी कैटिगरी में अल्टशाइमर्स, फ्रंटोटेंपोरल डिमेंशिया और वस्कुलर डिमेंशिया आता है।

क्या हैं वजहें?
डाॅ. रोहित गुप्ता ने बताया कि बढ़ती उम्र, आमतौर पर 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग बनते हैं शिकार, बहुत ज्यादा स्मोकिंग करना, बिल्कुल एक्सरसाइज न करना, ब्लड प्रेशर ज्यादा होना, फैमिली हिस्ट्री होना इसकी मुख्य वजह है। 

Shivam