खुद बीमार है 50 गांवों को स्वस्थ रखने का जिम्मा लेने वाला सरकारी अस्पताल

12/26/2018 5:30:28 PM

यमुनानगर(सुमित): यमुनानगर के नाहरपुर गांव का सरकारी अस्पताल जो लोगों को स्वास्थ्य बरकरार रखने के लिए बनाया गया था, लेकिन आजकल यह खुद बीमार पड़ा हुआ है। यहां पर केवल एक ही महिला डॉक्टर है जबकि इस अस्पताल में कम से कम पांच डॉक्टरों की जरूरत है। महिला डॉक्टर ने बताया कि इस बारे में उन्होंने लिखित में विभाग को जानकारी दी हुई है, लेकिन अभी तक कोई भी डॉक्टर वहां पर नहीं लगाया गया है।



अस्पताल में लगभग 50 गांव इस अस्पताल के अधीन आते हैं, जिसमें पिछले कई महीनों से सिर्फ एक ही महिला डॉक्टर है। डॉक्टरों की कमी के चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोगों को अपना इलाज करवाने के लिए जिला अस्पताल या फिर झोलाछाप क्लीनिकों या निजी अस्पताल में जाना पड़ता है। लोगों का कहना है कि यहां पर डॉक्टरों की सुविधा ना होने के कारण यमुनानगर रेफर कर दिया जाता है या फिर चंडीगढ़ भेज दिया जाता है। लोगों का यह भी कहना है कि महिला डॉक्टर के साथ-साथ यहां पर पुरुष डॉक्टर का भी होना बहुत जरूरी है, क्योंकि कई बार पुरुष मरीज महिला डॉक्टर को अपनी बीमारी बताने में झिझक जाते हैं।



गांव के बलजिदर ने बताया कि इस अस्पताल में दो-तीन सालों से एक महिला डॉक्टर है, एक डॉक्टर विजय विवेक हैं, लेकिन उनको यमुनानगर के सिविल अस्पताल में डिफ्यूज किया गया है, हालांकि उनकी ड्यूटी नाहरपुर में है, लोग बहुत परेशान हो रहे हैं । हालांकि पांच डॉक्टरों की यहां जरूरत है। उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में कम से कम 50 गांव लगते हैं और 4:00 बजे के बाद यहां पर कोई भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं होता।

नाहरपुर की महिला डॉक्टर ने बताया कि इस अस्पताल में 5 डॉक्टर की कमी है। अभी कुछ दिन पहले ही यहां पर दंत चिकित्सक आए हैं। अगर कोई इमरजेंसी आती है तो उनको फस्र्ट ऐड देकर रेफर कर दिया जाता है। डॉक्टर का कहना है कि चार डॉक्टर और एक एसएमओ की पोस्ट इस अस्पताल में खाली है।

Shivam