डंकी रूट बना मौत का सफर: किसी को बॉर्डर पर गोली लगी तो किसी को रूस-यूक्रेन युद्ध में भेजा
punjabkesari.in Saturday, Feb 08, 2025 - 07:58 AM (IST)
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कैथल : विदेश में बसने और डॉलर कमाने का सपना दिखाकर भोले-भाले युवाओं से लाखों रुपए ठगने वाले कबूतरबाज एजैंटों के खिलाफ कैथल पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। बीते 2 वर्षों में 168 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 133 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस के अनुसार, ये एजैंट युवाओं को अवैध तरीके से विदेश भेजने का लालच देकर मोटी रकम वसूलते हैं, लेकिन कई बार ये सफर उनकी जान पर भारी पड़ जाती है।
कलायत क्षेत्र और गांव मटौर के कई युवा डंकी रूट के चक्कर में अपनी जान गंवा चुके हैं। वर्ष 2023 में गांव मटौर निवासी मलकीत की मैक्सिको बॉर्डर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हाल ही में, गांव मटौर के 6 युवाओं को एजैंटों ने मोटी सैलरी का लालच देकर रूस-यूक्रेन युद्ध में भेज दिया, जहां रवि नाम के युवक की गोली लगने से मौत हो गई।
हरियाणा के हजारों युवा एजैंटों के जाल में फंसे
केवल कैथल ही नहीं, बल्कि हरियाणा के हजारों युवा अवैध तरीके से विदेश जाने के लिए एजैंटों को लाखों रुपए दे चुके हैं। इनमें से कई तो अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाए और कुछ की मौत की खबर उनके घरवालों तक पहुंची। पीड़ित परिवारों को अपने बेटों के शव तक वापस मंगवाने के लिए प्रशासन से गुहार लगानी पड़ी।
2 सालों में इतने मामले हुए दर्ज
डी.एस.पी. सुशील प्रकाश ने बताया कि 2023 में 97 मामले दर्ज हुए, जिनमें 89 आरोपी गिरफ्तार हुए। वहीं 2024 में अब तक 71 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें 44 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। डी.एस.पी. ने चेतावनी देते हुए कहा कि कबूतरबाजी के नाम पर भोले-भाले युवाओं से ठगी करने वाले एजैंटों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस लगातार ऐसे गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और आगे भी यह अभियान जारी रहेगा। उन्होंने युवाओं को सतर्क रहने और सही प्रक्रिया से विदेश जाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि विदेश जाने के लिए सही एजैंट और कानूनी तरीके को अपनाएं। पैसा, समय और सुरक्षा तीनों का ध्यान रखें।
मलकीत को 40 लाख में एजैंट ने भेजा अमरीका
कैथल के गांव मटौर का रहने वाला मलकीत रोजगार की तलाश में अमरीका जा रहा था, लेकिन मैक्सिको के ग्वाटेमाला बॉर्डर पर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। एजैंट ने परिवार से 40 लाख रुपए लिए, लेकिन न तो बेटा बचा और न ही पैसे वापस मिले। परिजनों ने सरकार से अपने बेटे के शव को भारत लाने की गुहार लगाई थी।
मलकीत की लाश देख उड़े होश
मलकीत के पिता सतपाल, जो एक किसान हैं, ने बताया कि उनका बेटा पॉलीटैक्निक पास था और अमरीका जाकर नौकरी करना चाहता था। एजैंट ने पहले 25 लाख रुपए एडवांस लिए और बाकी रकम बाद में ली, लेकिन अब जब बेटे की मौत की खबर आई, तो एजैंट ने चुप्पी साध ली। परिवार को मलकीत की गुमशुदगी की सूचना पहले ही मिल चुकी थी, लेकिन जब सोशल मीडिया पर उसकी लाश जंगल में पड़ी देखी, तो उनके होश उड़ गए।
रवि को भेज दिया रूस-यूक्रेन युद्ध में
कैथल जिले के मटौर गांव के 24 वर्षीय युवक रवि मटौर की रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान मौत हो गई थी। उसे रूस में नौकरी दिलाने के बहाने भेजा गया था, लेकिन वहां पहुंचते ही उसे रूसी सेना में जबरन भर्ती करवा दिया गया। 5 महीने के संघर्ष और इंतजार के बाद परिवार को भारतीय दूतावास से उसके निधन की जानकारी मिली। रवि और कलायत क्षेत्र के 5 अन्य युवकों को एक स्थानीय एजैंट ने रूस भेजा था। उसने वायदा किया था कि उन्हें वहां ट्रांसपोर्ट कंपनियों में अच्छी नौकरी मिलेगी। रवि की मौत एक विस्फोट में हुई थी, जिससे उसका शरीर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। रवि के परिवार ने भारत सरकार और विदेश मंत्रालय से रवि के पार्थिव अवशेष भारत लाने की अपील की थी।
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