लिंगानुपात के आंकड़ों में हेरा-फेरी की आशंका, विज ने दिए जांच के आदेश

5/18/2017 10:25:36 AM

चंडीगढ़(बंसल/पांडेय):हरियाणा में लिंगानुपात के बढ़ते आंकड़ों में फर्जीवाड़े की आशंका जताई गई है। इस आशंका पर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने विभाग के प्रधान सचिव अमित झा को गहनता से जांच के आदेश दिए हैं। सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य मंत्री के पास लंबे समय से लिंगानुपात के आंकड़ों में हेराफेरी की शिकायतें मिल रही थी। बताया गया कि कई जिलों में लड़कियों के पैदा होने पर उनका रजिस्ट्रेशन पहले कर लिया जाता था जबकि लड़कों का रजिस्ट्रेशन बाद में किया जाता था। इसके पीछे खेल लड़कियों के आंकड़ों में बढ़ौतरी करना बताया गया। 

सूत्रों की मानें तो सरकार के उच्च अफसरों की ओर से यह निर्देश दिया जाता था कि लड़कियों का रजिस्ट्रेशन पहले हो और लड़कों का बाद में किया जाए। फिलहाल इसका पूरा खुलासा तो अब जांच के बाद ही हो सकेगा। बताया गया कि कई जिलों के सिविल सर्जनों ने भी अंदरूनी तौर से इस बात का खुलासा किया है। लिहाजा स्वास्थ्य मंत्री ने इसे गंभीर मामला बताते हुए जमीनी स्तर पर जांच के आदेश दिए हैं।  

गौरतलब है कि खट्टर सरकार बनने के पहले प्रदेश में 1000 लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या करीब 850 के आसपास तक थी। इसके बाद 2 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हरियाणा के पानीपत में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की गई थी। इसके तहत प्रदेश में एक अलग से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की विंग तैयार की गई और डा. योगेंद्र मलिक को इसका संयोजक बनाया गया। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. राकेश गुप्ता इस पूरे अभियान की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उनकी अगुवाई में पिछले अढ़ाई सालों में लिंगानुपात काफी सुधरा और मार्च 2017 तक आंकड़ा 935 तक पहुंच गया। जबकि 2011 में यह आंकड़ा 834 तक था।

अनिल विज ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों से मेरे पास लिंगानुपात के आंकड़ों में हेराफेरी की शिकायतें पहुंची थी। इसके अलावा कई समाचार पत्रों में भी ऐसी खबरें छपी थीं। लिहाजा इसकी तहकीकात के लिए विभाग के प्रधान सचिव को जांच के आदेश दिए गए हैं।