अंसल टाऊन पर करोड़ों के घोटाले का अंदेशा, 9 लोगों पर मामला दर्ज

10/25/2017 5:32:21 PM

यमुनानगर (सुमित ओबरॉय): यमुनानगर के अंसल टाउन में पूरी सुविधाएं एवं बड़े बड़े लुभावने सपने दिखाकर प्लाट तो बेच दिए गए पर अभी तक ग्राहकों को प्लॉट पर कब्जा नहीं करने दिया जा रहा है। ग्राहक प्लॉट के पूरे पैसे देने के बावजूद भी अपनी जगह के लिए ठोकरें खा रहे हैं। ग्राहकों को कोई संतुष्टि नहीं हुई तो एक के बाद एक सभी ग्राहकों ने सीएम विंडो पर शिकायत की। सीएम विण्डो पर एक शिकायतकर्ता रणजोध सिंह की शिकायत पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की। डीटीपीओ के आदेश पर अंसल के बड़े अधिकारियों समेत 9 लोगों पर मामला दर्ज किया है। वहीं इस मामले में अंसल के अधिकारी मीडिया से बचते नजर  आए।

अंसल टाउन के खिलाफ शिकायकर्ताओं में से एक रंजोत सिंह नाम ने अंसल टाउन में 2012 में एक प्लाट देखा और पसंद आने के बाद उसकी एडवांस बुकिंग करवाई।  बुकिंग राशि की जो राशि थी वो भी अंसल को दे दी। इसके एक साल बाद 2013 में जब रणजोध के भाई अंसल वालों से रजिस्ट्री के लिए मिले तो अंसल वालों ने नक्शा पास न होने और लाइसेंस न मिलने की बात कही। फिर 2014 में रणजोध को अंसल टाउन वालों ने बुलाया और कहा कि नक्शा पास हो गया और उन्हें लाइसेंस मिल गया है। जिसपर बकाया राशि देने के बाद उनकी रजिस्ट्री करवा दी जाएगी।

रणजोध ने बकाया राशि भी दे दी लेकिन उन्हें इसकी कोई रसीद नही दी गई। इस तरह 2015 तक अंसल वालों ने रणजोध से कुल 43 लाख रुपए ले लिए। लेकिन उनकी रजिस्ट्री नहीं करवाई गई न ही उन्हें कब्जा दिया गया। रणजोध ने तंग आकर प्लाट की रजिस्ट्री करवा कर उसे कब्ज़ा दिया जाए या फिर पैसे वापिस करने की बात कही। लेकिन अंसल वाले बार बार झूठा दिलासा देते रहे।  इसके बाद रणजोध ने इस पूरे स्कैम की जांच और न्याय की गुहार के लिए सीएम विंडो पर शिकायत देकर गुहार लगाई जिसके बाद जिला प्रशासन जागा। इस मामले में कार्रवाई करते हुए डीटीपीओ ने एसपी यमुनानगर को पत्र लिखकर अंसल के चैयरमेन डायरेक्टर सहित 9 लोगों पर मामला दर्ज कर जल्द से जल्द इस मामले की जांच करने को कहा।



इस मामले में एसएचओ सदर जगाधरी नवीन कुमार ने बताया कि रंजोत सिंह की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए डीसी साहब की चैयरमेनशिप में एल कमेटी बैठी थी और अंसल के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्णय लिया गया था। अंसल के अधिकारियों में अंसल के डायरेक्टर लेवल के लोग हैं। मामले की जांच कर रहे है जांच में ही स्पष्ट हो पाएगा कि किस कारण से इनकी रजिस्ट्री नहीं हो पाई। जो भी जांच में सामने आएगा उसके अनुसार आगे की कारवाई की जाएगी।