कोरोना काल में बेरोजगार हुए दर्जनों स्वास्थ्य कर्मचारी, धरना देने को हुए मजबूर

5/10/2021 5:13:44 PM

रोहतक (दीपक भारद्वाज): कोरोना काल में सरकारी अस्पतालों में चाहे अनुबंधित कर्मचारी हो या फिर स्थाई कर्मचारी, सभी कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अपनी जान की परवाह न करते हुए जुटे हुए हैं। ऐसे में रोहतक के सिविल अस्पताल में ठेके पर काम कर रहे 25-30 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जिसके विरोध में यह अनुबंधित कर्मचारी धरने पर बैठ गए हैं और सभी कर्मचारियों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इन कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन व निजी कंपनी मिलीभगत कर उनका शोषण कर रही है।

कर्मचारियों का कहना है कि वह पिछले 14 -15 साल से सिविल अस्पताल में ठेके पर काम कर रहे हैं। लेकिन अचानक एक नई कंपनी ने ठेका ले लिया और लगभग 25-30 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। यही नहीं इनका कहना है कि इस कोरोना काल में उनके बहुत से कर्मचारी साथी तो कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सिविल अस्पताल प्रशासन और निजी कंपनी आपस में मिलकर उनका शोषण करने में जुटे हुए हैं। 

यही नहीं बहुत से कर्मचारियों को यह धमकी दी जा रही है कि अगर वह निकाले गए कर्मचारियों का सहयोग करेंगे, तो उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। इसलिए वह अपनी बात हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज तक पहुंचा कर अपनी नौकरी बचाने की मांग कर रहे हैं।
 

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Content Writer

Shivam