हमारे लैब इंचार्ज डॉ नीरज अरोड़ा की लीडरशिप काबिले तारीफ : सिविल सर्जन पंचकूला

4/10/2021 9:12:30 PM

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की पहली वेब में देश के दूसरे राज्यों से काफी अच्छा काम करके दिखाया। जिसके चलते न केवल कोरोना पर जल्दी काबू पाया गया। इसके साथ ही यहां फर्टिलिटी रेट भी काफी कम रहा। इस बेहतरीन काम के लिए हरियाणा स्वास्थ्य विभाग को अवार्ड भी दिया गया। इसी प्रकार हरियाणा के सभी जिलों में पंचकूला ने उस दौरान बहुत शानदार काम करके दिखाया। जिसके चलते पंचकूला के लैब को सम्मानित भी किया गया। 

आज पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान पंचकूला की सिविल सर्जन डॉ जसजीत कौर ने लोगों के लिए एक संदेश दिया कि कोरोना से बचने का मूल मंत्र बहुत साधारण है। कहीं ना कहीं हमारी सभी की ढील के कारण यह दूसरी वेब जो बहुत स्पीड से आई है का सामना हम सभी को करना पड़ रहा है। इसलिए मास्क पहने, नियमित रूप से हाथ धोते रहें और सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें, भीड़भाड़ वाली जगहों से परहेज करें। इन 4 चीजों को अगर सभी व्यक्ति अपनी लाइफ स्टाइल में कुछ समय के लिए जोड़ लें तो यह सबसे बड़ी वैक्सीन साबित होगी। अपने समय के अनुसार वैक्सीन जरूर लगवाएं। खासतौर पर जब तक सभी को वैक्सीन नहीं लगती तब तक बेहद सावधान रहने की उन्होंने सलाह दी है।

डॉक्टर जसजीत कौर ने कहा कि मार्च के महीने में जैसे ही दूसरी लहर की शुरुआत हुई तो पहले दो हफ्तों में हमारे पास अस्पताल में मरीज बढ़ने शुरू हो गए थे। यह इस बार का संक्रमण पहले से ज्यादा स्पीड से चल रहा है। बहुत जल्दी संक्रमित मरीज डबल हो रहे हैं। रोजाना करीब 300 से 350 मरीज आ रहे हैं और इस बार संक्रमित व्यक्ति को लंबे समय तक बुखार रह रहा है। लेकिन पहले लैब नहीं थी, संसाधन नहीं थे, तैयारी नहीं थी। अब पुराना एक्सपीरियंस है, आईसीयू बेड है और डॉक्टर ट्रेंड है, सभी डॉक्टर मैनेज करना सीख चुके हैं। इसलिए ज्यादा अच्छी कोशिशें हो रही है।

उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन के लिए पहले जो कि आठ टीमें बनाई हुई थी। अब स्कूल हेल्थ टीम्स को भी इनके साथ जोड़ा गया है जो कि अब हमारी 12 टीमें फील्ड में काम करेंगी और सबसेंटर स्तर पर भी हमने लिस्टों के साथ जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं जो कि लोकल लेवल पर वह नजर रख रहे हैं और हमारी होम आइसोलेशन की टीमें हर अल्टरनेटर घर जाकर जांच और उनके दूसरे इंतजाम करती हैं।

इसके अलावा डॉक्टर जसजीत कौर ने लोगों के मन में फैली भ्रांतियों पर भी प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि शंका बिल्कुल मन से निकाल दें। जितनी छोटे बच्चों को लगाई जाने वाली वैक्सीन सुरक्षित हैं। उतनी ही यह भी सुरक्षित है। हल्का-फुल्का बुखार, थकान अगर वैक्सीन लेने के बाद होती भी है तो पेरासिटामोल की एक गोली मात्र खाने से यह बिल्कुल ठीक हो जाता है। मीडिया में जो कुछ इस पर रिपोर्ट्स आ रही है। उसमें अभी तक प्रॉपर ऐसा कोई लिंक इस वैक्सीन के साथ स्टेबलिश नहीं हो पाया है। 

45 साल से ऊपर के लोगों को कोरोना से ज्यादा खतरा है। लेकिन यह वैक्सीन बहुत अच्छी सुरक्षा प्रदान करने वाली है। नई है लेकिन हर तरीके से साइंटिफिक ट्रायल से निकली हुई है। मेरी सभी से अपील है कि जितनी जल्दी हो सके 45 साल से ऊपर के लोग इस वैक्सीन को लगवाएं। ताकि कोरोना की इस वेब को ब्रेक लगाया जा सके।

प्रदेश में सबसे बेहतरीन लैब का खिताब पंचकूला सिविल अस्पताल की लैब के नाम है। इसकी क्वालिटी ऑफ रिपोर्टिंग और टाइम ऑफ रिपोर्टिंग सबसे बेहतरीन मानी जाती है। उसका सारा श्रेय सिविल सर्जन ने लैब इंचार्ज नीरज अरोड़ा को दिया। उन्होंने बताया कि लैब के इंचार्ज अरोड़ा लैब पर पर्सनली बहुत ज्यादा ध्यान देते हैं। जब भीड़ का समय होता है तो उनकी 24 घंटे लगातार एक एक हफ्ते तक हाजिरी उन्होंने खुद देखी है। उनकी सपोर्ट के लिए दो और भी डॉक्टर लगाए गए हैं। लेकिन नीरज अरोड़ा की लीडरशिप रोल बहुत बेहतरीन है और इस कारण से पंचकूला की लैब को अवार्ड भी मिल चुका है। 

उनकी लैब में आज भी कोरोना के 2,000 टेस्ट रोजाना हो रहे हैं। इस लैब में पंजाब और चंडीगढ़ के मनीमाजरा के बहुत से लोग रोजाना टेस्टिंग करवा रहे हैं और लैब 24 घंटे चल रही है। मेहनती स्टाफ होने के कारण बहुत अच्छी क्वालिटी रिपोर्ट और रिपोर्टिंग का टाइम यहां का है और कोशिश की जाती है कि 12 घंटे के अंदर सभी को रिपोर्ट दे दी जाए। स्थिति गंभीर दिखने पर मरीज को प्राथमिकता के आधार पर इससे भी जल्दी रिपोर्ट दी जाती है।
 

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Content Writer

vinod kumar