पेयजल का अस्पताल में संकट

6/4/2019 8:25:34 AM

जींद(ब्यूरो): सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों से लेकर उनके परिजनों और खुद अस्पताल कर्मचारियों के कंठ पेयजल के भयावह संकट के चलते सूख रहे हैं। हालत यह हो गई है कि अस्पताल में कर्मचारियों को खुद के पैसों से पीने के पानी के कैंपर मंगवाने पड़ रहे हैं। सिविल अस्पताल की नई और पुरानी दोनों बिल्डिंगों में ओ.पी.डी. और इनडोर चिकित्सा सेवाएं चल रही हैं। गर्मी में अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

अस्पताल की ओ.पी.डी. 1200 के पार जा चुकी है। मरीजों और उनके परिजनों के अलावा सिविल अस्पताल के सैंकड़ों कर्मचारी भी हैं। इन तमाम लोगों के लिए अस्पताल में पीने का पानी का भयावह संकट पिछले कुछ समय से बना हुआ है। हालत यह है कि नई और पुरानी किसी भी बिल्डिंग में पीने का पानी नहीं है। पानी के संकट के चलते अस्पताल के टायलेट आदि ठीक से साफ नहीं हो रहे। मरीजों और उनके परिजनों को पीने के पानी के लिए अस्पताल के बाहर समाजसेवी संस्थाओं द्वारा लगाए गए वाटर कूलरों का सहारा लेना पड़ रहा है।

कई बार तो अस्पताल के कर्मचारी भी इन वाटर कूलरों से पानी की बोतल भरकर लाने पर मजबूर हो जाते हैं। अनेक कर्मचारियों ने अपने स्तर पर पानी के कैंपरों की व्यवस्था अपने लिए की है ताकि गर्मी में उनका कंठ नहीं सूखे। सिविल अस्पताल के आयुष भवन में खुद के पीने के पानी के कैंपर आ रहे हैं तो पुरानी बिल्डिंग में भी कई जगह कर्मचारी आर.ओ. का पानी कैंपरों से सप्लाई करने वालों की सेवा ले रहे हैं। 

नई बिल्डिंग में नया ट्यूबवैल लगवाने की योजना : डा. गोपाल
सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. गोपाल गोयल का अस्पताल में पेयजल संकट को लेकर कहना है कि नई बिल्डिंग बनने के बाद पानी की दिक्कत है। नई बिल्डिंग के लिए पीने के पानी का नया ट्यूबवैल लगवाने की योजना है। इसे लेकर जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। अब अस्पताल में एक और ट्यूबवैल की सख्त जरूरत है। जल्द नई बिल्डिंग के लिए नया ट्यूबवैल लगवाया जाएगा ताकि अस्पताल में पानी की दिक्कत नहीं रहे।

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