यहां ‘गुरुजी’ की कलम से बनेंगे शिष्यों के लाइसैंस, नए आदेश हुए लागू

8/10/2019 11:17:29 AM

डेस्क: हरियाणा सरकार ने ट्रैफिक रूल्स के प्रति लोगों खासकर विद्यार्थियों को जागरुक करने के इरादे से जहां कई प्रकार की मुहिम छेड़ी हुई है वहीं इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है कि अब भविष्य में विद्यार्थियों को लर्निग ड्राइविंग लाइसैंस के लिए एस.डी.एम. दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सरकार की ओर से जारी इस अधिसूचना तहत अब प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के लर्निग  लाइसैंस की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस अहम फैसले तहत उच्च शिक्षण संस्थानों के मुखियाओं को लॢनंग लाइसैंस बनाने की शक्ति प्रदान की गई है। 

गौरतलब है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के लॢनंग ड्राइविंग लाइसैंस बनाने के संदर्भ में प्रदेश सरकार ने 7 अगस्त को एक अधिसूचना जारी की है। इसके तहत कहा गया है कि मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 28,65,96 और 213 द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा कुछ संशोधन कर नए नियम बनाए गए हैं। इसी की बानगी है कि अब विद्यार्थियों को लर्निग  ड्राइविंग लाइसैंस बनाने का अधिकार शिक्षण संस्थानों के मुखियाओं को होगा। प्रशासनिक जानकारों के अनुसार इस प्रक्रिया हेतु शिक्षण संस्थानों में जरूरी संसाधनों की पूर्ति करने को भी  कहा गया है। इसके तहत निर्देश दिए गए हैं कि लर्निग  लाइसैंस की प्रक्रिया के लिए दो कमरों की आवश्यकता होगी और इनमें एक कमरे में विद्यार्थी की एप्लीकेशन और दूसरे में लर्निगटैस्ट ऑनलाइन लिए जाने को कहा गया है। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि कम्प्यूटर में उच्च स्तर के सॉफ्टवेयर व डाटा फीड रखने का स्पेस भी होना चाहिए। लर्निग  लाइसैंस की प्रकिया हेतु एक नोडल अधिकारी व क्लर्क डॉटा एंट्री ऑपरेटर नियुक्त किए जाएंगे।इसके बाद उच्च शिक्षण संस्थान के प्रिंसीपल ही लर्निग  ड्राइविंग लाइसैंस विद्यार्थियों को दे पाएंगे। 

इन्हें मिली शक्तियां
लर्निग  लाइसैंस संबंधित जारी अधिसूचना तहत सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारों,चिकित्सा महाविद्यालय के निदेशक,अखिल भारतीय तकनीकि परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी संस्थानों के निदेशक एवं प्रधानाचार्य, राजकीय महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यांे, राजकीय सहायता प्राप्त शिक्षा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य, राजकीय पॉलीटैक्निक तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्यांे, राजकीय नॄसग महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यांे, राजकीय फार्मेसी महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यांे, राजकीय आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, यूनानी महाविद्यालयों के निदेशकों एवं प्रधानाचार्यांे आदि को ये पॉवर दी गई है कि वे अब अपने-अपने शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों के लॢनंग लाइसैंस बना सकेंगे।

Isha