सुशांत की मौत के बाद सुर्खियों में आया ड्रग माफिया, महाराष्ट्र से बड़ा है हरियाणा व पंजाब का नेटवर्क
punjabkesari.in Wednesday, Sep 16, 2020 - 10:32 AM (IST)
चंडीगढ़(संजय अरोड़ा): अभिनेता सुशांत ङ्क्षसह राजपूत सुसाइड मामले के बाद मायानगरी मुम्बई की सिनेमाई दुनिया में ड्रग्स के चलन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है और राजपूत की मौत के बाद ड्रग माफिया के फैलते जाल व इसमें कथित तौर पर फिल्मी दुनिया के लोगों की संलिप्तता की वजह से आज पूरे देश में यह मामला न केवल मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है, बल्कि ड्रग्स के कारोबार पर सियासी वार तेज होने के साथ-साथ पूरे देश के लोगों की निगाहें भी अब इस बात पर लगी हैं कि आखिर फिल्मनगरी मुम्बई के साथ-साथ देशभर में फैल रहे ड्रग्स के कारोबार पर राज्य सरकारों के साथ-साथ केंद्र सरकार का क्या स्टैंड रहता है? बेशक ड्रग माफिया मुम्बई की वजह से एक बार फिर से सुर्खियों में आया है, मगर सिनेमा और गलैम्रस की चमकती दुनिया से बाहर हरियाणा और पंजाब तो ऐसे राज्य हैं, जहां ड्रग्स कारोबार कोई नया नहीं है और इस ड्रग्स की वजह से पिछले एक दशक से लाखों परिवार उजड़ रहे हैं।
देशभर में नशे की सप्लाई करने वाला अंतर्राष्ट्रीय ड्रग सप्लायर रणजीत उर्फ चीता को भी पुलिस ने इसी साल सिरसा से गिरफ्तार किया था। नशे के कारोबार के अलावा चीता के आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से संपर्क भी सामने आए थे। नशे के बढ़ते कारोबार की बात को दोनों राज्यों की सरकारें भी मानती हैं और नशे के इस कारोबार को समाप्त करने की दिशा में हरियाणा व पंजाब दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रभावी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। नारकोटिक्स ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार इन दोनों राज्यों में 12 लाख से अधिक लोग नशे की गिरफ्त में हैं। हर साल दोनों ही राज्यो में पुलिस की ओर से 2.5 हजार करोड़ रुपए से अधिक कीमत की हेरोइन पकड़ी जाती है। पंजाब में नौजवानों के नशे के दलदल में धंसने पर उड़ता पंजाब फिल्म भी बनी, पर नशे के आंकड़े हरियाणा के लिहाज से भी रूलाने वाले हैं। नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार ही 2009 से लेकर 2018 में नशे की गिरफ्त में आने के बाद हरियाणा में 943, जबकि पंजाब में 824 लोगों ने सुसाइड कर लिया।
नशे से बढ़ रहा है क्राइम का ग्राफ
गौरतलब है कि पंजाब के साथ-साथ हरियाणा में नौजवानों को जिस नशे की लत लगातार लग रही है, वह नशा इस कद्र भयानक है कि नौजवान फिर इस लत को छोड़ नहीं पाते हैं और डिप्रेशन में आने के बाद सुसाइड तक कर लेते हैं। नशे की वजह से दोनों राज्यों में अपराध का ग्राफ भी बढ़ा है, क्योंकि महंगा नशा करने के लिए जब पैसों की कमी हो जाती है तो नशेड़ी चोरी, छीनाझपटी, लूट जैसे अपराध भी करने लगते हैं। हरियाणा में अब भुक्की, अफीम, स्मैक, चिट्टा, चरस, आयोडैक्स से लेकर नशीले इंजैक्शन, दवाइयां तमाम तरह के नशों में युवा वर्ग धंसता जा रहा है। अभी हाल में आई एक रिपोर्ट के अनुसार ही हरियाणा में साढ़े 4 लाख से अधिक लोग नशे की जकड़ में है। कोढ़ में खाज यह है कि नशे पर अंकुश लगाने के लिए महज 19 ही सरकारी नशा मुक्ति केंद्र हैं और इनमें भी पर्याप्त सुविधाएं व संसाधन नहीं है।
नशे की ओवरडोज से पंजाब-हरियाणा में दस साल में 2 हजार की गई जान
पंजाब व हरियाणा में सरकारी आंकड़ों के अनुसार ही पिछले दस साल में नशे की ओवरडोज से 2 हजार लोग मारे गए। खास बात यह है कि नशे से होने वाली मौतों का यह केवल सरकारी आंकड़ा है। नशे से होने वाली मौत के 70 प्रतिशत से अधिक मामले पुलिस के पास पहुंचते ही नहीं हैं। बिना पुलिस को सूचना किए ही संस्कार कर दिया जाता है। ऐसे में नशों से होने वाली मौत का असली आंकड़ा भयावह है। 2019 में ही हरियाणा पुलिस की ओर से मादक पदार्थ अधिनियम के तहत 2677 केस दर्ज कर कुल 16 हजार 23 किलोग्राम नशीले पदार्थ बरामद किए गए। पुलिस की ओर से 2019 में 114.11 किलोग्राम अफीम, 207.83 किलोग्राम चरस, 10 हजार 168.58 किलोग्राम चूरापोस्त, 14.838 किलोग्राम स्मैक, 5502.14 किलोग्राम गांजा व 16.21 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई। पंजाब के साथ सटे सिरसा एवं फतेहाबाद जिले नशे से सबसे अधिक प्रभावित हैं। इसके अलावा एन.सी.आर. के साथ लगते गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित कई अन्य सीमांत जिलों में भी नशे का यह कारोबार लगातार बढ़ रहा है और युवा वर्ग निरंतर इस नशे का शिकार हो रहा है।
सिरसा से पकड़ा गया था अंतर्राष्ट्रीय नशा तस्कर चीता
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कुछ माह पहले देश का सबसे बड़े नशा तस्कर रणजीत उर्फ चीता को भी एन.आई.ए., पंजाब पुलिस व हरियाणा पुलिस ने एक संयुक्त ऑप्रेशन में सिरसा से पकड़ा था। उसे पुलिस ने 19 जुलाई 2019 को अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते नमक के बैग में भरकर लाई गई 532 किलोग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था। चीता के तार आतंकवाद से जुड़े थे और जाहिर तौर पर वह पाकिस्तान से नशा लाकर पूरे देश में सप्लायर्स को देता था। उसके बाद रणजीत काफी समय से फरार चल रहा था। अंतर्राष्ट्रीय मार्कीट में बरामद की गई हेरोइन की कीमत 2700 करोड़ रुपए आंकी गई थी।
तस्करी का अड्डा बने पंजाब-हरियाणा
ड्रग्स माफिया के तेजी से फैलते जाल का परिणाम है कि पंजाब और हरियाणा जैसे राज्य नशीले पदार्थों की तस्करी का अड्डा बन गए हैं। दोनों राज्यों में 2015 से 2018 तक 8 हजार करोड़ रूपए की हेरोइन पकड़ी जा चुकी है। भौगोलिक लिहाज से छोटे यह दो राज्य हेरोइन, अफीम और चूरापोस्त तस्करी का ऐसा हब गए है, जिसके धुएं से इन राज्यों की उजली तस्वीर अब धुंधली हो रही है। नारकोटिक्स ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में पुलिस ने हरियाणा में 657.85 किलोग्राम हेरोइन बरामद कर 669 लोगों को काबू किया। बाजार में इसकी कीमत करीब 3300 करोड़ रुपए बनती है। इस एक आंकड़े से जाहिर हो जाता है कि नौजवानी को उजाडऩे वाला नशे का कारोबार हरियाणा जैसे राज्य में कितना फैल चुका है?
हरियाणा व पंजाब में नशे की लत के बाद सुसाइड के मामले
वर्ष मौतें (हरियाणा) पंजाब
2009 46 59
2010 51 59
2011 85 110
2012 72 91
2013 100 66
2014 86 38
2015 54 49
2016 86 48
2017 139 53
2018 137 55
2019 87 102
कुल 856 722
वर्ष 2017 में दर्ज केस व बरामद नशा किलोग्राम में
नशा मात्रा केस काबू
गांजा 4574.55 747 793
हशिश 118.86 235 155
हेराइन 16.39 559 513
अफीम 84.39 122 157
चूरापोस्त 19300 843 765
वर्ष 2016 में दर्ज केस व बरादम नशा किलोग्राम में
नशा मात्रा केस काबू
गांजा 2229.03 434 453
हशिश 237.63 230 224
हेराइन 657.85 441 669
अफीम 167.34 123 142
चूरापोस्त 7840.7 499 453