ई-पोर्टल पॉलिसी के खिलाफ दवा विक्रेताओं की हड़ताल, दवाइयों के लिए भटकते नजर आए मरीज

5/30/2017 1:47:04 PM

सिरसा (सतनाम सिंह):सरकार द्वारा लागू की गई ऑनलाइन फार्मेसी के संबंध में आज प्रदेश भर में दवा विक्रेताओं ने विरोध जाहिर करते हुए अपनी दुकानें बंद रखीं। उनका कहना है कि सरकार उनपर नए-नए कानून को थोपना चाहती है, जिसका हम विरोध करते हैं। उनका कहना है कि सरकार जे कर रही है वो सरासर गलत है। इससे सभी विक्रेताओं में रोष है। उन्होंने कहा कि कच्ची पर्ची को बंद करना गरीब आदमी के लिए बहुत ही परेशानी भरा है। गरीब आदमी 200 से 300 रुपए की पर्ची बार-बार कहा से बनवाएगा। MBBS डॉ की कमी पहले ही है दुकानदार MBBS डॉ की पर्ची कहा से लाएगा। सरकार को चाहिए कि पहले MBBS डॉ को लाया जाए फिर इस तरह के कानून को लाया जाए। 

फतेहाबाद (रमेश भट्ट):जिलाभर के दवा विक्रेताओं ने आज अपनी दुकानें बंद रख अपना विरोध जताया। उनका कहना है कि इन नियमों की पालना करना मौजूदा ढांचे में संभव ही नहीं है। सरकार उन्हें बेवजह तंग कर रही है। सरकार द्वारा बनाए गए नए नियमों के अनुसार दवा विक्रेताओं को डॉक्टर की पर्ची को पोर्टल पर अपलोड करना होगा। उसके बाद ही मरीज को दवा दी जा सकेगी। वहीं छोटे दवा विक्रेताओं के पास न तो कंप्यूटर है और न ही इंटरनेट। ऐसे में उन्हें दोहरी परेशानी उठानी पड़ेगी। 

पलवल (दिनेश कुमार):पलवल जिला कैमिस्ट एसोसिएशन के प्रधान विनोद जिंदल ने बताया कि भारत के समस्त दवा विक्रेता ई-पोर्टल नीति के विरोध में देश व्यापी हड़ताल पर है, जिसके चलते दवाईयों की दुकानों को बंद किया गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में दवा विक्रेताओं के समक्ष कई चुनौतियां है। ई-पोर्टल नीति से कैमिस्टों का शोषण होगा। सरकार की गलत नीतियों के चलते कैमिस्ट परेशान है। सरकार की गलत नीतियों का जोरदार विरोध किया जाएगा। वहीं दवा विक्रेता बंसीधर ने कहा कि सरकार जो ई पोर्टल नीति भारत में लागू करना चाहती है। यह नीति पहले अमेरिका में लागू हो चुकी है, लेकिन भारत में इस नीति को लागू करना कठिन है क्यों कि इस नीति को लागू करने के लिए बुनियादी सुविधाएं होना जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो नोटिफिकेशन जारी किया है उसे वापिस लिया जाए।