लॉकडाऊन के चलते जिले में राशन की कालाबाजारी, 100 रुपए किलो वाली दाल मिल रही 135

3/30/2020 12:50:35 PM

जींद (ललित) : जिले में नैशनल लॉकडाऊन के बाद बंद हुई ज्यादातर दुकानों के कारण करियाने के सामान की कालाबाजारी हो रही है। बहुत से दुकानदार लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। लॉकडाऊन से पहले जो दाल 100 रुपए किलो मिलती थी, अब उसके दाम 135 रुपए तक पहुंच गए हैं। थोक के सामान के विक्रेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पीछे से माल नहीं मिल रहा है।

लोगों के लिए वह किसी तरह अपने ट्रक में माल मंगवा रहे हैं, जो महंगा पड़ता है, इसलिए दाल के दाम बढ़ाना उनकी मजबूरी हैं। इसके अलावा राशन के किसी भी सामान में कोई बढ़ौतरी नहीं हुई है। शहर में इस समय करियाणा की दर्जनों दुकानें खुली हैं। इन दुकानों पर सामान का रेट अलग-अलग है। कोई चीनी को 38 रुपए किलो बेच रहा है तो कोई चीनी को 45 रुपए किलो बेच रहा है।

जब दुकानदार से रेट को लेकर पूछा जाता है तो उनका कहना है कि चीनी का स्टाक खत्म हो गया है और उन्हें चीनी इसी रेट में मिली है, ऐसे में वह आखिर क्या कर सकते हैं। गांवों में तो स्थिति बेहद खराब है। गांवों में करियाना की दुकान चलाने वाले लोग मनमाने रेट वसूल रहे हैं। प्रशासन की ओर से अभी तक कोई रेट लिस्ट सामान को लेकर जारी नहीं की गई है, जबकि कई जिलों में प्रशासन राशन के रेट निर्धारित कर चुका है।

शहर में घंटाघर चौक के पास घी, चीनी, बुरा व दाल आदि की थोक की दुकानें हैं। पूरे शहर में सामान यहीं से जाता है। यहां के थोक के दुकानदारों का कहना है कि चीनी, घी के दाम में किसी प्रकार की कोई बढ़ौतरी नहीं हुई है। थोक का रेट लगभग साढ़े 36 रुपए पड़ता है और दुकानदार इसे 38 से 40 रुपए तक बेच सकता है। चावल भी अलग-अलग वैरायटी में मौजूद है। चावल के रेट 30 रुपए किलो से शुरू हो जाते हैं और 150 रुपए किलो तक होते हैं। जींद में केवल दालों को लेकर कालाबाजारी चल रही है।   

Isha