Lockdown: सरकार व कारखाना मलिकों से कोई मदद न मिलने के कारण मजबूर हुए मजदूर

5/11/2020 9:35:53 PM

फरीदाबाद (सूरजमल): लॉकडाउन के कारण मजदूरों के सामने आ रही समस्याओं को लेकर मजदूर संगठनों का प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को उपायुक्त यशपाल यादव से उनके कार्यालय में मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मजदूरों की मांगों एवं समस्याओं और श्रम कानूनों को निलंबित करने के खिलाफ महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, एटक के महासचिव का.बेचू गिरी, सीआईटीयू ( सीटू ) के प्रदेश उपाध्यक्ष निरंतर पाराशर, हिन्द मजदूर सभा (एचएमए ) के जिला प्रधान आरडी यादव वह इ टू के प्रधान जवाहर लाल शामिल थे।

मजदूर संगठनों ने आरोप लगाया है कि अधिकांश कारखाना मालिकों ने सरकार की वेतन न काटने की अपील को नजरंदाज करते हुए मज़दूरों को मार्च महीने के 9 दिन और अप्रैल महीने का वेतन नहीं दिया है। सरकार व कारखाना मलिकों की तरफ से कोई आर्थिक मदद न मिलने के कारण लाखों अतिथि मजदूर अपने घरों के लिए पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं। मजदूर नेताओं ने डीसी को कहा कि अगर मजदूरों को आर्थिक सहायता व सूखा राशन देकर उनके टूटते विश्वास को बहाल करते हुए इस पलायन को नहीं रोका गया तो कारखाने किसी भी सूरत में नहीं चल पाएंगे। जिससे आर्थिक संकट और गहराया जाएगा।

जिला उपायुक्त ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि डिप्टी लेबर कमिश्नर से मजदूरों को मार्च महीने के 9 दिनों व अप्रैल महीने का वेतन रोकने और मजदूरों की छंटनी करने वाले कारखानों को चिन्हित कर सूची बनाने के लिए आदेश दिए जाएंगे और कारखानों मालिकों के साथ मीटिंग कर मजदूरों की हर संभव मदद की जाएगी।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त को बताया कि मजदूरों को फरवरी महीने में देय महंगाई के आंकड़े अनुसार बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिला है। जिन कारखानों को चलाने की अनुमति दी गई है वहीं मजदूरों को सुरक्षा के उपकरण देने में लापरवाही बरती जा रही है और लाकडाउन अवधि का ईएसआई वह ईपीएफ का पैसा भी मजदूरों के खातों में नहीं जमा किया गया है।

श्रम कानूनों को खत्म करने के खिलाफ राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन-: संयुक्त ट्रेड यूनियन कौंसिल ने कोरोना का लाभ उठकर श्रम कानूनों में किए जा रहे बदलाव के खिलाफ महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीसी को सौंपा। जिसमें कहा गया है कि यूपी, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान व हरियाणा आदि राज्यों द्वारा श्रम कानूनों को निलंबित करने और काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 करने का फैसला किया है। जो पूरी तरह अनुचित है और यह फैसला मजदूरों को बंधवा मजदूर बनाने में सहायक होगा। कारखाना मालिकों को सरकार मजदूरों का खुलकर शोषण करने का लाइसेंस दे रही है। ज्ञापन में महामहिम राष्ट्रपति से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है।

Shivam