डाक कर्मचारियों की हड़ताल के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग का काम ठप

5/25/2018 5:05:56 PM

भिवानी(अशोक भारद्वाज): देश के 2 लाख 70 हजार ग्रामीण डाक कर्मचारी 22 मई से हड़ताल पर होने के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में डाक सेवा प्रभावित है। केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों को सातवें वेतन आयोग का लाभ पिछले अढ़ाई साल से दिए जाने के बावजूद ग्रामीण डाक कर्मचारी सातवें वेतन आयोग के लाभ से अछूते हैं। इसी के चलते देश के ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले एक लाख 47 हजार डाकघरों को चलाने का काम 2 लाख 70 हजार डाक कर्मचारी करते हैं। परन्तु सातवें वेतन आयोग का लाभ इन्हे नहंी दिए जाने को लेकर पिछले तीन दिनों से इनकी हड़ताल जारी है तथा केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के चलते निरंतर धरना दे रहे हैं। 

अखिल भारतीय अतिरिक्त विभागीय डाक कर्मचारी संघ के बैनर तले हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र के डाक कर्मचारी केंद्र सरकार के विभिन्न अल्प बचत योजनाओंं, अटल पेंशन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, ग्रामीण डाक जीवन बीमा योजना, वृद्धा पेंशन वितरण कार्य, मनरेगा, पांच वर्षीय बचत योजनाओं सहित विभिन्न प्रकार के डाक, पार्सल, मनीऑर्डर वितरण का कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में करते हैं। परन्तु अभी तक उन्हें सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं दिया जा रहा।



यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष बलजीत सिंह कुंगडिय़ा ने बताया कि बीते 22 मई व 24 मई को श्रम मंत्रालय के साथ ग्रामीण डाक कर्मचारियों की दो दौर की बातचीत होने के बाद भी उनकी मांगें नहीं मानी गई हैं। ग्रामीण डाक कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ पहुंचाने के लिए कमलेश चंद्रा कमेटी गठित की गई थी, परन्तु इस कमेटी की रिपोर्ट आने के लगभग अढ़ाई साल पूरा होने के बावजूद कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं किया जा रहा। जिसके चलते वे मजबूरन देश के ग्रामीण क्षेत्रों के एक लाख 47 हजार ग्रामीण डाक कर्मचारियों को हड़ताल के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक कमलेश चंद्रा कमेटी की रिपोर्ट लागू नहीं की जाती, ग्रामीण डाक कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।

Shivam