'शराब के असर से झूमने लगी हैं फसलें', कीटनाशक छोड़ अपनाया देशी नुस्खा (Video)

8/4/2019 4:16:04 PM

फतेहाबाद (रमेश भट्ट): फतेहाबाद के खेतों में खड़ी फसलों पर भी शराब का नशा छाने लगा है। शराब के असर से खेतों में खड़ी फसलें झूम रही हैं। दरअसल फतेहाबाद के बहुत से किसान शराब को कीटनाशक के तौर पर प्रयोग कर रहे हैं। किसानों के अनुसार उन्हें इसके अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं।



किसानों का कहना है कि मौसम में बदलाव के कारण फसलों पर कीटों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। कीटों से फसल को बचाने के लिए किसानों को महंगे केमिकलों का इस्तेमाल करना पड़ता है। केमिकलों के इस्तेमाल से किसान की जेब पर तो असर पड़ता ही है, साथ ही उत्पादन और वातावरण में जहरीले तत्व भी बढ़ते हैं। इसलिए उन्होंने इस समस्या से निपटने के लिए नया ही तरीका ईजाद किया है। वे अपनी फसल को कीटों से बचाने के लिए देसी शराब का छिड़काव कर रहे हैं। यह तरीका फसल को कीटों से बचाने में असरदार तो साबित हो ही रहा है, साथ ही किसानों की जेब पर भी ज्यादा असर नहीं हो रहा है।



नरमा पर सूक्ष्म कीटों का हमला
जैसे ही नरमा फसल के पौधे बढऩा होने शुरू होते हैं, ये कीट (तेला चेपा) बीमारी उसी समय लग जाती हैं और फसल को खराब कर देते हैं. कीटों से फसल को बचाने के लिए पानी में शराब मिलाई जाती है और फिर उसे फसलों पर स्प्रे कर दिया जाता है। किसानों का कहना है कि इसके छिड़काव के बाद फसलों पर किसी भी तरह के कीट या बीमारी के लगने की कोई बात सामने नहीं आई है। शराब के छिड़काव पर एक किसान को काफी कम लागत भी आ रही है, ये भी एक बड़ा कारण है कि किसान देसी शराब का इस्तेमाल कर रहे हैं।

क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक
नरमा कपास की खेती पर देसी शराब के छिड़काव की बात सामने आने के बाद कृषि अधिकारी मुकेश मैहला का कहना हैं कि किसान जो शराब का छिड़काव कर रहे हैं ये कोई सही उपाय नही विभाग इस तरह के उपाय की मंजूरी नही देता। कृषि अधिकारी का कहना है कि किसान अगर देसी नुस्खे अपना रहे है तो शराब कि जगह पर अगल नीम छाल का भी इस्तेमाल किया जाता तो उससे भी किसानों को फायदा होगा। अन्यथा बीमारी से सम्बंधित कीटनाशक है उनका इस्तेमाल कर सकते हैं।

Edited By

Naveen Dalal