पलवल: दवाइयों का स्टॉक खत्म होने से निजी मेडिकल स्टोर की बल्ले-बल्ले, गरीब मरीजों को करनी पड़ रही जेब ढीली

6/3/2023 10:44:34 AM

पलवल (रुस्तम जाखड़) : पलवल नागरिक अस्पताल में इन दिनों इलाज के लिए आने वाले मरीजों को ओपीडी पर्ची तो 5 रुपए में मिल रही है लेकिन उस पर्ची पर लिखी हुई दवाइयां उनको हजारों रुपए में खरीदनी पड़ रही है। अस्पताल के बाहर निजी मेडिकल स्टोर संचालकों की तो बल्ले बल्ले हो रही है लेकिन गरीब मरीजों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है। 


दरअसल पलवल के नागरिक अस्पताल में पिछले कई महीनों से दवाइयां खत्म हो रही है। दवाइयों के लिए डिमांड भेजी गई है लेकिन वेयरहाउस में दवाई ना होने के कारण अस्पताल को अभी तक दवाई नहीं मिली है। ऐसे हालात नागरिक अस्पताल पलवल के हैं। अगर बात करें दूसरे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की तो वहां पर और भी ज्यादा बुरे हालात हैं। 

मरीजों ने बताया कि डॉक्टरों के द्वारा जो दवाई लिखी गई है उनमें से कोई दवाई उनको नहीं मिल रही है। कुछ लोगों को दवाई मिल रही है तो केवल एक या दो गोली ही दी जा रही हैं। बाकी दवाइयां उनको बाहर से खरीदनी पड़ रही है। ऐसा पिछले कई महीनों से हो रहा है। मरीजों ने कहा कि सरकार दावा करती है सरकारी अस्पताल में सभी सुविधाएं देने का लेकिन यहां पर तो डॉक्टरों द्वारा लिखी हुई गोली तक नहीं मिली है। वहीं कई मरीजों ने यह भी आरोप लगाया है कि आपातकालीन हालात में भी डॉक्टरों द्वारा मरीज को दवाई नहीं दी गई है। 

वहीं बात अगर सिविल अस्पताल के मेडिकल चौकी की जाए तो यहां पर दर्जन भर से ज्यादा दवाई और गोलियां कई महीनों से गायब हैं। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार वेयरहाउस में दवाइयों का स्टॉक ना होने के चलते अस्पताल में दवाई नहीं है। प्रबंधन का कहना है कि निजी कोष से खरीद कर काम चलाया जा रहा है लेकिन इससे मरीजों को दवाइयों की आपूर्ति नहीं हो रही है। मेडिकल स्टोर में एंटी रेबीज से लेकर एंटीबायोटिक, कॉटन, पट्टी सहित कई अन्य दवाई और गोलियां पिछले कई महीनों से विलुप्त हैं। 

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Content Writer

Manisha rana