सरकार की गैरइंतजामी के चलते किसान-आढ़ती बर्बादी की कगार पर है खड़ा – सुरजेवाला

4/27/2020 11:39:27 AM

कैथल (जोगिंदर कुंडू) : अखिल भारतीय कांग्रेस कोर कमेटी सदस्य व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिह सुरजेवाला ने प्रेसवार्ता को सम्बोधित किया। हरियाणा की गठबंधन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि खट्टर-दुष्यंत चौटाला सरकार प्रदेश के इतिहास की सबसे किसान विरोधी सरकार साबित हुई है। गेहूँ व सरसों खरीद में किसान-आढ़ती-मजदूर की आए दिन हो रही दुर्गति तथा बेइंतजामी भाजपा-जजपा सरकार के निकम्मेपन का जीता जागता सबूत है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कल रात से पूरे उत्तरी हरियाणा व अधिकांश हरियाणा में हो रही बारिश ने धरतीपुत्र किसान का पीला सोना यानि गेहूँ पानी में बहा दिया तथा खट्टर सरकार के दावों की सारी पोल खोल दी। अनाज मंडी, करनाल, निसिंग, जुंडला, निगदू, घरौंडा, असंध, निलोखेड़ी, कैथल, गुहला-चीका, पुंडरी, पाई, ढाँड, इस्माईलाबाद, शाहबाद,पिहोवा, झांसा, बिलासपुर, जगाधरी, यमुनानगर, रोहतक में भारी बारिश से लाखों क्विंटल गेहूँ न केवल गीली हो गई, परंतु सरकार की गैरइंतजामी के चलते किसान-आढ़ती बर्बादी की कगार पर आ खड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के जिले करनाल में बदहाली का आलम है तथा सभी मंडियों व पर्चेज़ सेंटर्स में किसान व आढ़ती की दुर्दशा सुनने वाला कोई नहीं। एक तरफ आज तक भी वेब पोर्टल सुचारु रूप से नहीं चल रहा, तो दूसरी तरफ आज भी किसान को डायरेक्ट पेमेंट की शर्तों को लेकर आढ़तियों और सरकार में सहमति नहीं बन पाई है। ऊपर से 12 प्रतिशत से अधिक नमी होने पर किसान की फसल को खरीदने से इंकार किया जा रहा है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने 24 घंटे में उठान का वादा किया था, परंतु 4-5 दिन से गेहूँ मंडियों में पड़ा है तथा सरकार द्वारा बोली करवा गेहूँ नहीं खरीदी जा रही। अब जिन किसानों व आढ़तियों की लाखों क्विंटल गेहूं मंडियों, खरीद केंद्रों व खेतों में बारिश से भीग गई है, वो उस नुकसान की भरपाई कैसे करेंगे? न सिलाई का इंतजाम, न धुलाई की व्यवस्था और न ही मंडी में पड़ी गेहूँ को तरपाल से ढंकने का कोई इंतजाम। ऐसे में किसान व आढ़ती करे तो क्या करे?

भाजपा – जजपा सरकार से हरियाणा की जनता की ओर से पाँच मांग करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि

1. लाखों क्विंटल गेहूँ, जो बेमौसमी बारिश से भीग गई है, उसकी फौरन खरीद की जिम्मेदारी खट्टर-दुष्यंत चौटाला सरकार ले तथा 12 प्रतिशत नमी की शर्त में इन हालातों में उदार हृदय से छूट दी जाए।

2. बेमौसमी बारिश में कुछ अनाज मंडियों में भीगी गेहूँ का विवरण इस प्रकार से है, कैथल मंडी - 4 लाख बोरियां, कलायत मंडी - 2 लाख बोरियां पुंडरी मंडी - 1.5 लाख बोरियां, पाई मंडी - 50,000 बोरियां, चीका - 4 लाख बोरियां, करनाल - 5 लाख बोरियां, यमुना नगर जिल - 6 लाख बोरियां, रोहतक - 1 लाख बोरियां। इनकी खरीद की जिम्मेदारी सरकार ले।

3. लगभग चार दिनों से मौसम विभाग ने हरियाणा में बारिश होने का पूर्वानुमान बता रखा है, इसके बावजूद भी मंडियों व खरीद केंद्रों में तरपाल का कोई इंतजाम नहीं किया गया और न ही पानी निकासी का। इस अपराधिक बदइंतजामी की जिम्मेदारी खट्टर सरकार निर्धारित करे व गेहूँ खरीद सुनिश्चित करे।

4. हरियाणा की सभी अनाज मंडियों में अगले 12 घंटों में तरपाल का प्रबंध व पानी निकासी के लिए मोटर तथा डीज़ल का इंतजाम हो। 12-12 घंटे की शिफ्ट में दिन रात कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए।

5. सरकार ने आदेश निकालकर एक बार फिर डायरेक्ट पेमेंट की बात कही है तथा ऐसा न करने पर आढ़तियों को सजा देने का प्रावधान किया है। सरकार के इन बदलते फरमानों ने अव्यवस्था बना रखी है। ज्ञात रहे कि पहले भी 13 व 16 अप्रैल, 2020 को खट्टर सरकार ने सात प्राईवेट बैंकों में खाता खोलने की शर्त रख दी थी। बाद में इसे वापस ले लिया गया। 21 अप्रैल, 2020 को आढ़तियों की बजाए पंचायत द्वारा खरीद का नया आदेश जारी कर दिया। फिर इसे भी बदल दिया गया। अब फिर डायरेक्ट पेमेंट की नई शर्त का आदेश जारी कर दिया गया है। रोज बदलते इन तुगलकी फरमानों की बजाए सीधी नीति से गेहूँ की खरीद सुनिश्चित की जाए।

6. वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन को दोबारा खोला जाए तथा हर मंडी में मौके पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जाए। वेब पोर्टल की त्रुटियों तथा एसएमएस प्रणाली की कमियों को दूर किया जाए। हर मंडी में बार दाना व सिलाई का इंतजाम किया जाए।

 

Edited By

Manisha rana